गया : बिहार के बोधगया में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का प्रवचन शुक्रवार से शुरू हुआ. यह प्रवचन तीन दिनों तक चलेगा. इसमें तकरीबन 5 दर्जन देशों के 50 से 60 हजार बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए और बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा के प्रवचन का लाभ उठाए. बोधगया के कालचक्र मैदान में पहले दिन प्रवचन के दौरान 14 वें बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि मनुष्य जितना चिंतन करेगा, उतनी ही स्पष्टता आएगी. इससे सूक्ष्म चित स्पष्ट हो जाता है. गौतम बुद्ध ने पुण्य का संचय किया. पुण्य का संचय के बाद उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई.
कालचक्र मैदान में पहले दिन का टीचिंग हुआ संपन्न :कालचक्र मैदान में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का प्रवचन हो रहा है. पहले दिन शुक्रवार को प्रवचन हुआ, जिसमें करीब 60 हजार से अधिक बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए. यह श्रद्धालु तकरीबन 5 दर्जन से अधिक देशों से बोधगया को पहुंचे हैं और बौद्ध धर्म गुरू के प्रवचन का लाभ उठा रहे हैं. इस टीचिंग का दर्जन भर भाषाओं में एफएम से प्रसारण हो रहा है.
''जो मनुष्य जितना चिंतन करेगा, उसमें उतनी स्पष्टता आएगी. चिंतन से सूक्ष्म चित स्पष्ट हो जाता है. हर मनुष्य को इसकी कोशिश करनी चाहिए. कोशिश से निश्चित तौर पर लाभ होता है. वहधि चित्त की प्रार्थना भी आवश्यक है. गौतम बुद्ध ने भी पुण्य का संचय किया था. गौतम बुद्ध के पुण्य संचय के बाद उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई. हम लोग जितना ज्यादा चिंतन करेंगे, क्लेश उतने ही कम होते चले जाएंगे.''- दलाई लामा, 14 वें बौद्ध धर्मगुरु
'मन प्रसन्न हो गया' :स्विट्जरलैंड से बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा का प्रवचन सुनने आई डेकली डाॅकर ने कहा कि. ''आज मन प्रसन्न हो गया है. बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने ज्ञान बांटा है. दिल को काफी शांति मिली है. उन्होंने कहा है कि सहनशक्ति बनाईए. बोधि चित्त को प्राप्त कीजिए.'' वहीं, अरुणाचल के हेड लामा धर्मदास ने कहा कि ''मन को शुद्ध करने का ज्ञान बौद्ध धर्म गुरू ने दिया है.''
तिब्बती मॉनेस्ट्री से कालचक्र मैदान पहुंचे दलाई लामा :सुबह के 7:40 बजे अपने प्रवास स्थल तिब्बती मॉनेस्ट्री से बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा निकले. इसके बाद वे कालचक्र मैदान पहुंचे. कालचक्र मैदान में बने विशाल पंडाल में ही टीचिंग कार्यक्रम आयोजित है. इसके लिए तीन विशाल पंडाल बनाए गए हैं. वहीं, तमाम व्यवस्थाएं पुख्ता की गई है.