गया: विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के ठीक बगल में बोधि वृक्ष है, कहा जाता है कि इस बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इस बोधिवृक्ष की हर साल देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक आकर सेहत की जांच करते हैं, इस साल दो वैज्ञानिकों ने बोधिवृक्ष की जांच की. जांच में बोधिवृक्ष को बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित पाया गया.
महाबोधि वृक्ष के स्वास्थ्य की जांच
महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित महाबोधि वृक्ष को बौद्ध अनुयायी भगवान के समान मानते है. महाबोधि वृक्ष का एक एक पत्ता उनके लिए प्रसाद के समान होता है. बोधिवृक्ष की धार्मिक महत्ता को देखते हुए बीटीएमसी इसका पूरा ख्याल रखता है. समय दर समय महाबोधि वृक्ष के स्वास्थ्य की जांच की जाती है. कोरोना काल मे लागू लॉकडाउन में ऑनलाइन काउंसिलिंग के जरिये महाबोधि वृक्ष का स्वास्थ्य जांच किया जाता रहा है. अब देहरादून से आये वैज्ञानिकों के दल ने महाबोधि वृक्ष की जांच की.
महाबोधि वृक्ष को दिया जाएगा 'सपोर्ट'
देहरादून के आये वैज्ञानिक अमित पांडेय ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान महाबोधि वृक्ष के पत्ते भी पहले से बड़े हो गए हैं. पवित्र महाबोधि वृक्ष पूरी तरह से स्वस्थ्य है. महाबोधि वृक्ष कोरोना काल में काफी अच्छा ग्रोथ किया है. महाबोधि वृक्ष की कुछ सुखी डाली को काटा गया है, कटे हुए जगह पर चौपटिया पेस्ट लगाया गया है. वहीं, फंगस से बचाव को लेकर टहनियों पर रासायनिक लेप भी लगाया गया है.