गया:होली खुशियों का त्यौहार है लेकिन इस त्यौहार पर कोरोना का प्रभाव दिख रहा है. कोरोना के बढ़ते प्रभाव से लोगो में लॉकडाउन लागू होने का डर समा रहा है. यही वजह है कि गया के थोक मंडी में रंग और पिचकारी की बिक्री पिछले साल की तुलना कम हो रही है. रंग-गुलाल, पिचकारी और मुखौटा विक्रेताओं के चेहरों पर मायूसी छा रही है. वहीं, इन दुकानों में पिछले साल की तुलना में कम लोग दिख रहे हैं.
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दरअसल, देश में कोरोना वायरस के दूसरे वेव ने दस्तक दे दी है. एक बार फिर से कोरोना के आंकड़ें प्रतिदिन 50 हजार से अधिक दर्ज किए जा रहे हैं. कोरोना का बढ़ते प्रभाव को लेकर लोगों में लॉकडाउन लागू होने का डर सता रहा है. वहीं, होली के त्योहार पर कोरोना के बढ़ते मामले और लोगों के बीच लॉकडाउन लगने के भय ने व्यवसाय पर दोहरी चोट की है. जिसके चलते जिले में रंग-पिचकारी से जुड़े व्यवसाय आधे हो गए हैं.
रंग-पिचकारी की ब्रिकी हुई फीकी
वहीं, गया जिले के गुरुआ प्रखण्ड के मथुरापुर के रहनेवाला ग्रामीण दुकानदार रंजीत कुमार ने बताया कि पिछले साल के तुलना में इस साल रंग-पिचकारी की बिक्री कम है. हमलोग खुदरा विक्रेता एक साथ पिछले साल जैसा सामान नहीं खरीद रहे हैं. सामान की बिक्री होने या मांग होने पर गया के थोक बाजार से सामान खरीदने जाते हैं.
'कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को लेकर लोगों में डर बना हुआ है. कहीं लॉकडाउन लागू हो जाएगा और सारा सामान धरा रह जायेगा'.- रंजीत, दुकानदार