गया: जिले के बेलागंज प्रखंड के बालाबिगहा गांव के समीप नदियों पर पुल निर्माण में हो रहे विलम्ब को लेकर स्थानीय लोगों के साथ पुल निर्माण संघर्ष समिति ने एक दिवसीय पुल सत्याग्रह किया. इसमें संघर्ष समिति के सदस्यों के अलावे बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया.
डोमा घाट पर हुआ सत्याग्रह
जहानाबाद और अरवल जिले के दर्जनों गांव का एकमात्र बाजार है पाईबिगहा, जहां से आसपास के लगभग दो दर्जन से अधिक गांव के किसानों व आमजनों का खरीद बिक्री का कार्य होता है. उक्त दोनों नदी में पुल नहीं होने से साल के आठ महीना लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. विगत कई वर्षों से स्थानीय लोगों द्वारा दरधा नदी पर बालाबिगहा के डोमा घाट और मोरहर नदी पर बालाविगहा के समीप पुल निर्माण की मांग किया जाता रहा है.
नदी पर पुल नहीं होने से होती है समस्या
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पाईबिगहा और आसपास के गांव के लोग जिन्हें नदी पर पुल नहीं होने से समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लोगों ने पुल नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया था, जिसके बाद विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण राजनीतिक गलियारे में बेचैनी बढ़ी और सत्तापक्ष पक्ष के एक ओहदेदार नेता ने तत्काल पुल निर्माण का आश्वसन जनता को दी थी.
आश्वसन के बावजूद नहीं बनी पुल
विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनी पुल निर्माण का प्रक्रिया भी आरम्भ हुआ. लेकिन कुछ दिन बाद पुनः ये योजना राजनीतिक दावपेंच की भेंट चढ़ गयी. उक्त दोनों नदियों पर पुल निर्माण को लेकर पुल निर्माण संघर्ष समिति द्वारा कभी आमरण अनशन, तो कभी जल सत्याग्रह, धरना-प्रदर्शन आदि किया जाता रहा है. मगर नेताजी के आश्वसन के बावजूद पांच साल बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण होना तो दुर अभी तक शिलान्यास तक नहीं हो पाया है.
चुनाव बहिष्कार का लिया गया है निर्णय
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में संघर्ष समिति के अध्यक्ष मंजय कुमार ने कहा कि विगत कई वर्षों से सरकार और उनके नुमाइन्दे हम लोगों को सिर्फ आश्वसन पर आश्वासन देने में लगें है. लोगों की समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. मगर स्थल पर कोई कार्य दिखायी नही दें रहा है. उन्होंने कहा कि पाईबिगहा सहित आसपास के दर्जनों गांवों के लोग चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.