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बुद्ध की नगरी में धर्म परिवर्तन, पादरी के पानी से ठीक हुआ बीमार तो 80 लोग बन गए ईसाई - gaya latest news

बिहार के गया जिले में धर्मांतरण का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि प्रार्थना सभा में बस्ती के सभी महिला-पुरुष शामिल होने गए और हिन्दू धर्म को त्याग कर ईसाई धर्म को अपना लिया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

धर्म परिवर्तन
धर्म परिवर्तन

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Published : Jul 15, 2021, 6:02 PM IST

Updated : Jul 15, 2021, 7:33 PM IST

गयाःमहात्मा बुद्ध की नगरी गया (Gaya) से एक साथ कई परिवारों द्वारा धर्म परिवर्तन (Relegion Conversion) करने का मामला सामने आया है. मामला नगर प्रखंड के दुबहल गांव के मांझी बस्ती बेलवा टांड़ का है, जहां ईसाई सभा से प्रेरित होकर एक साथ दर्जनों परिवारों ने ईसाई धर्म को अपना लिया. बताया जाता है कि अंधविश्वास में पड़कर बस्ती के करीब 80 लोगों ने अपना धर्म बदल लिया. हालांकि बाद में गांववालों द्वारा इसका विरोध किए जाने के बाद कई लोगों ने इससे इंकार कर दिया है.

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पूरी घटना के बारे में बताया जाता है कि गांव के केवला देवी के बेटे की तबीयत अचानक खराब हो गई थी. डॉक्टरों द्वारा काफी इलाज कराने के बाद भी जब वो ठीक नहीं हुआ तो केवला देवी को किसी ने ईसाई धर्म सभा में जाने को कहा. इसके बाद ईसाई धर्म के कई लोग बस्ती पहुंचे और प्रार्थना सभा में शामिल हुए.

इस दौरान पादरी ने बीमार लड़के को पानी दिया और उस पर पानी के छींटे मारे, जिससे वह ठीक हो गया. इसे धर्म का प्रभाव मानते हुए लोगों में ईसाई धर्म के प्रति रुचि बढ़ती गई. नतीजा ये हुआ कि दो दिन पहले बड़ी संख्या में लोगों ने ईसाई धर्म को अपना लिया. लोगों ने बताया कि किसी धुरी नाम के व्यक्ति ने उनसे यह सब करने को कहा था.

स्लम बस्ती निवासी रघु मांझी ने बताया कि उनके साथ क्या हुआ है वो नहीं जानते हैं, लेकिन वे लोग एक सभा में अक्सर जाया करते थे. वहां जाने पर उन्हें काफी अच्छा लगता है. एक दिन जब कई लोग वहां गए तो पादरी ने उनपर पानी देकर माला पहना दिया.

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वहीं स्लम बस्ती निवासी मीन्ता देवी ने बताया कि हम जो भी किए हैं, उससे काफी खुश हैं. हम हिंदू धर्म के अनुसार सिंदूर लगाते हैं, जबकि पूजा दोनों भगवान का करते हैं. सभा में जाने पर हमें इज्जत मिलता है, इसलिए उस धर्म (ईसाई) को हम अपना लिए.

ग्रामीण पिंटू ने बताया कि धर्म परिवर्तन का यह सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है. धुरी नाम के एक व्यक्ति ने यह सब किया है. फिर भी धर्म बदलने लाले लोगों को मुखिया और ग्रामीण खूब समझा रहे हैं. कुछ लोग मान गए हैं, जबकि अन्य लोगों को मनाने की कोशिश की जा रही है.

''थाना क्षेत्र के दो स्थानों पर इस तरह की सूचना मिला है, लेकिन कहीं से अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है. शिकायत दर्ज होने पर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. बताया जाता है कि बेलवाटांड़ और वाजितपुर में लोगों ने अपनी इच्छा से ईसाई धर्म को अपनाया है.'' - थानाध्यक्ष, मगध मेडिकल

गांव में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन किए जाने के बाद माहौल काफी तनावपूर्ण है. चूंकि गांव में कई संप्रदाय के लोग रहते हैं. मौजूदा स्थिति ये हो गई है, कि लोगों ने एक दूसरे से बातचीत तक बंद कर दी है. ऐसे में सामाजिक दूरियां बढ़ गई हैं.

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Last Updated : Jul 15, 2021, 7:33 PM IST

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