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Jitiya Vrat 2023: यहां व्रतियों के लिए मडुआ कुकीज तैयार, नोनी साग का भी मिलेगा स्वाद.. जिउतिया में खाती हैं महिलाएं - Jitiya Parv

जिउतिया पर्व पर व्रतियों के लिए मडुआ कुकीज बनाई जा रही है. ये कुकीज व्रतियों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है. ताकि व्रती इसे खाकर जिउतिया पर्व की शुरूआत और पारण कर सकें. ये इतना स्वादिष्ट और पौष्टिक है कि जो इस कुकीज को एक बार खा लेगा वो बार-बार खाने की सोचेगा.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 5, 2023, 10:53 PM IST

Updated : Oct 6, 2023, 11:28 AM IST

जिउतिया व्रतियों के लिए मड़ुआ कुकीज तैयार

गया : हिंदू धर्म में जितिया पर्व का बड़ा महत्व है. इस वर्त को माताएं अपने संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ जीवन और उन्नति के लिए रखती हैं. जिसकी शुरूआत नहाय खाय से होती है. इसके अगले दिन यानी आज निर्जला व्रत रखा जाता है और फिर तीसरे दिन पारण किया जाता है. बिहार के गया में जिउतिया पर्व 2023पर मडुवाकुकीज बाजार में आया है. इस कुकिज में आप को नोनी साग का भी स्वाद मिलेगा. व्रती महिलाएं नहाए-खाए के साथ-साथ पारण के दिन भी इसका उपयोग कर सकती हैं. यह कुकीज खास कर जो कि जिउतिया पर्व में व्रती महिलाओं के लिए बनाया गया है.

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व्रतियों के लिए हेल्दी मडुआ कुकीज : जिउतिया पर्व के नहाय खाए और पारण के दिन मडुवा कुकीज का उपयोग जिउतिया पर्व की व्रती महिलाएं कर सकती हैं. मडुवा कुकीज में मडुवा, नोनी का साग, मोरिंगा पाउडर, गुड़, चीनी, मैदा आदि मिक्स कर लजीज बिस्किट के सांचे के रूप में तैयार किया गया है. इसे व्रती महिलाएं जिउतिया पर्व के नहाए खाए के दिन और पारण के दिन भी उपयोग कर सकती हैं.

मडुआ कुकीज तैयार करने में लगीं महिलाएं
जिउतिया में मडुवा का उपयोग अनिवार्य : जिउतिया पर्व के प्रारंभ यानि कि नहाए खाए और समाप्ति पारण में मडुवा का उपयोग जरूरी होता है. इस तरह से बात करें तो बिस्किट के रूप में मडुवा कुकीज को तैयार किया गया है. यह मडुवा की परंपरा के साथ व्रत करने वाली व्रतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसलिए जिउतिया के आस्था से जुड़ा मडुवा अब लजीज बिस्किट के रूप में बाजार में है.
पैक मडुआ कुकीज
नई कल्चर को रास नहीं आता मडुवा : नई कल्चर को मडुवा रास नहीं आता है. ऐसे में पुरानी परंपराओं-आस्थाओं को मडुवा कुकीज जोड़ने का एक प्रयास कहा जा सकता है. मडुवा कुकीज इतना स्वादिष्ट है, कि इसे एक बार खा लें, तो बार-बार खाने को मन करेगा. दूसरी बात कि यह हर तरह से पौष्टिक है. क्योंकि इसमें नोनी का साग, मोरिंगा पाउडर, गुड़ आदि मिक्स है. इससे इसमें फाइबर और आयरन की मात्रा प्रचुर होती है. ऐसे में जहां आस्था और परंपरा को नई पीढ़ी से जोड़ने की कोशिश है, वहीं सेहत की दृष्टि से भी यह फायदेमंद है.गया के कारोबारी की बड़ी सोच : वहीं, इस संबंध में गया के केवाल संस्था के तले महिलाओं-युवतियों की मदद से मडुवा कुकीज को तैयार करवाने वाले मयंक जैन बताते हैं- "जिउतिया पर्व का भारत में इसका काफी महत्व है. इस दिन माताएं अपने पुत्रों के लिए व्रत रखती हैं. हमारे द्वारा बनाए गए मडुवा कुकीज में मडुवा, नोनी का साग मिला हुआ है. नहाए खाए से लेकर पारण के दिन व्रती महिलाएं अपने पुत्रों को और पूरे परिवार को मडुवा का सेवन करवाती हैं, जो कि जिउतिया पर्व की धार्मिक परंपरा के अनुसार अनिवार्य माना जाता है".
जिउतिया व्रतियों के लिए मडुआ कुकीज


मिलेट को भी बढ़ावा: हेल्दी डायट सभी व्रतियों के लिए जरूरी है. इसी को लेकर केवाल संस्था के माध्यम से मडुवा आटा, नोनी का साग मिक्स कुकीज लेकर आए हैं. इसमें फाइबर और आयरन प्रचुर मात्रा में है. पूरी तरह से मडुवा कुकीज पौष्टिक है. फिलहाल में यह 1000 रुपए किलो बेची जा रही है. एक पीस की कीमत 15 से 20 रुपए है.

मयंक जैन बताते हैं- "अभी शुरुआत है, लेकिन डिमांड बहुत ज्यादा है. दिल्ली तक भी सप्लाई हो रही है. मडुवा और नोनी का साग पारंपरिक तौर पर जिउतिया पर्व में खाया जाता है. मोरिंगा पाउडर का भी थोड़ा प्रयोग किया है. इस तरह हमारे हमारी कोशिश लोक आस्था परंपरा के बीच मोटे अनाज को बोरिंग के तौर पर नहीं बल्कि इंटरेस्टिंग के तौर पर लोग लें, इसे ध्यान में रखकर बनाया गया है".

Last Updated : Oct 6, 2023, 11:28 AM IST

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