गया: प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले निजी शिक्षकों ने शहर के राम सागर रोड स्थित कार्यालय में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस दौरान एसोसिएशन से जुड़े कई शिक्षक शामिल हुए. प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रामस्वरूप विद्यार्थी और सचिव विनोद लाल मेहरवार ने संयुक्त रूप से कहा कि 4 महीनों से लॉक डाउन के कारण उनके संस्थान बंद हैं. इस कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.
संस्थान खाली करने की धमकी
जिलाध्यक्ष ने कहा कि कई बार जिला स्तर पर और राज्य स्तर पर संस्थान खोलने की बात रखी गई. लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. जिला प्रशासन और सरकार शिक्षकों के इस मामले में पूरी तरह से मूकदर्शक बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि संस्थान ना खुलने से कोई भी अभिभावक उन्हें पैसा नहीं दे रहे हैं. कई संस्थान किराए पर चल रहे हैं. पैसा नहीं देने के कारण मकान मालिक संस्थान खाली करने की धमकी दे रहे हैं.
30 जून को धरना-प्रदर्शन
रामस्वरूप विद्यार्थी ने कहा कि शिक्षकों और उनके कर्मचारियों के परिजनों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. लाचारी की वजह से अब हमलोगों ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत आगामी 30 जून को शिक्षक धरना-प्रदर्शन करेंगे. अगर फिर भी मांग पूरी नहीं हुई तो, सड़कों पर भी आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को पैकेज दे रखा है. उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं. इसी तर्ज पर शिक्षकों की भी मदद की जाए और उन्हें आर्थिक पैकेज मुहैया कराई जाए. ताकि हमारे परिजनों का भरण पोषण हो सके.
पूरे देश में आंदोलन
सचिव विनोद लाल मेहरवार ने कहा कि हमारे एसोसिएशन से जुड़े लगभग 2 लाख प्राइवेट स्कूलों के 20 लाख कर्मचारियों की तरफ से प्रधानमंत्री को ई-मेल भेजा जाएगा. इससे अपनी वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाएगा. इसके बाद भी अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है, तो सड़कों पर भिक्षाटन किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा.
आर्थिक पैकेज देने की मांग
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले निजी शिक्षकों ने संस्थान को खोले जाने को लेकर और अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है. शिक्षकों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण 4 महीने से उनके संस्थान बंद हैं. उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. जिसको लेकर शिक्षकों ने सरकार से आर्थिक पैकेज देने की मांग की है.