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17 साल पहले गया के जिस शख्स ने नक्सलियों से बचाई थी वेंकैया नायडू की जान, PM मोदी ने उसे किया याद

सोमवार को सभापति एम वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) को राज्यसभा (venkaiah naidu farewell) से विदाई दी गई. पीएम नरेंद्र मोदी ने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए वेकैंया नायडू के 2005 के गया दौरे को याद किया. क्यों यह दौरा एम वेंकैया नायडू के लिए खास था और पीएम ने इसका क्यों जिक्र किया जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट..

venkaiah naidu farewell
Venkaiah Naidu

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Published : Aug 8, 2022, 8:33 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 11:45 AM IST

गया:नक्सल प्रभावित क्षेत्र बिहार के गया में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू साल 2005 को आए (Venkaiah Naidu 2005 visit to Gaya) थे. इस दौरे की कुछ यादें ऐसी थीं जिसे वेंकैया नायडू के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी याद करते हैं. दरअसल एम वेंकैया नायडू के राज्यसभा से सभापति के तौर पर सोमवार को विदाई थी. इस दौरान पीएम ने वेकैंया नायडू के बिहार के गया दौरे को याद किया.

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'एक बार इलेक्शन कैंपेन के लिए वेंकैया जी बिहार गए हुए थे. अचानक उनके हेलिकॉप्टर को खेत में उतारना पड़ा. वो इलाका भी सिक्योरिटी के मद्देनजर थोड़ा चिंताजनक था. एक स्थानीय किसान (राजेन्द्र साव) उनको बाइक पर बैठाकर नजदीक के थाने पर ले गया. वैंकेया जी एक वक्त किसान द्वारा की गई मदद को आज भी निभा रहे हैं. उस किसान परिवार से उनका जीवंत नाता है. वेंकैया जी से आज भी उस किसान की बात होती है'.-नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

क्या हुआ था 2005 के दौरे के दौरान: 2005 फरवरी में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू चुनाव प्रचार के लिए झारखंड के तंडवा जा रहे थे. इसी दौरान गया के बाराचट्टी प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ईंधन खत्म होने के कारण हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग पड़रिया (Emergency landing of Venkaiah Naidu helicopter) के गांव के खाली मैदान में कराया गया था. जहां समय रहते ग्रामीण राजेन्द्र साव ने वेंकैया नायडू और उनके पीए को बाइक पर बैठाकर थाना ले गए. जिसके बाद नक्सलियों ने हेलीकॉप्टर को आग के हवाले कर दिया था.


'वर्ष 2005 के फरवरी माह की उस तारीख को मैं अपने दुकान पर ही था, जब अचानक से एक हेलीकॉप्टर पड़रिया गांव के खेत में स्कूल के समीप आपात लैंडिंग करते उतरा. मैंने उस समय नई-नई बाइक ली थी. मुझे पता था कि यहां किसी बड़े शख्स का हेलीकॉप्टर उतरा है और उनकी जान को नक्सलियों से खतरा हो सकता है. मुझे लगा कि इस फंसे शख्स को रोड तक पहुंचा देना चाहिए. वहीं इसी बीच वह शख्स मेरी ओर चला आया. बड़ी हस्ती दिख रहे शख्स के साथ में रहे एक व्यक्ति ने उसे मुख्य सड़क तक पहुंचाने का मुझसे आग्रह किया और पूरी लोकेशन मुझसे जानी. उनलोगों के आग्रह पर मैं तुरंत अपनी बाइक से उस शख्स को लेकर निकल गया. बाद में नक्सलियों ने उस हेलिकॉप्टर को जला दिया'- राजेन्द्र साव, वेकैंया नायडू की जान बचाने वाले

'बाइक पर बैठे शख्स को रास्ते में जाना': राजेन्द्र साव बताते हैं कि मैं जानता था कि नक्सली इलाका होने की वजह से बाइक पर मेरे साथ बैठे शख्स की जान को खतरा है. रास्ते में मैंने जाना कि वो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेकैंया नायडू हैं. उनका परिचय जानते ही मुझे गर्व हुआ. क्योंकि मेरे खानदान के दादा-परदादा सभी बीजेपी से जुड़े थे. मैं उन्हें लेकर सोभ गांव पहुंचा तो पता चला कि उनके हेलीकॉप्टर को नक्सलियों ने पेट्रोल बम से फूंक दिया है.



सुरक्षा के मद्देनजर उनको लेकर सीधे थाने पहुंचा शख्स: बहादुर शख्स राजेन्द्र साव ने बताया कि उस समय झारखंड में चुनाव चल रहा था. वेंकैया नायडू जो कि उस समय के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उन्हें झारखंड के टंडवा जाना था. मैं उन्हें लेकर थाने में पहुंचा. इसके बाद वहां लोगों की काफी भीड़ इकट्ठी हो गई. बड़े-बड़े नेता पहुंचने लगे. इसके बाद वेंकैया नायडू ने मुझे शाबाशी देकर विदा लिया और कहा कि तुम्हारे लिए कुछ करेंगे. इसके बाद वे झारखंड के टंडवा चुनावी सभा के लिए रवाना हो गए.


मामा-भगिना का बना था रिश्ता: भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू की 2005 में नक्सलियों से रक्षा करने में अहम भूमिका निभाने वाले राजेंद्र साव के साथ मामा-भगिना का रिश्ता बना, जो आज तक कायम है. पीएम मोदी ने भी आज विदाई समारोह में याद कर कहा कि आज भी उस किसान की वेकैंया जी से बात होती है.

Last Updated : Aug 9, 2022, 11:45 AM IST

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