बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पितृपक्ष: गया जी में पिंडदान करने वालों का प्रवेश द्वार है पुनपुन घाट - पितृपक्ष शुरू ताजा खबर

पितृपक्ष शुरू हो गया है जिसे श्राद्ध के नाम से भी जाना जाना जाता है. इस पक्ष में पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया जाता है. वहीं गया पिंडदान करने का अपने आप में ही बड़ा महत्व है. तो आइए जानते हैं गया में पिंडदान करने के पूर्व पुनपुन घाट पर क्यों किया जाता है पिंडदान...

pitrupaksha start today
शुरू हुआ पितृपक्ष

By

Published : Sep 2, 2020, 12:26 PM IST

गया: आज से सनातन धर्म में पितृपक्ष प्रतिपदा शुरू हो गया है. इस पक्ष में पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया जाता है. गया में पितृपक्ष में पिंडदान करने का महत्व है, लेकिन गया में पिंडदान करने के पूर्व प्रथम पिंडदान पटना जिला में स्थित पुनपुन नदी के घाट पर किया जाता है.

जानिए क्या है कहानी
इस संबंध में शास्त्रों में चर्चा है कि आदि समय में सनत, सनादि सप्त ऋषि पलामू के जंगल में तपस्या में लीन थे. उनकी तपस्या से संतुष्ट होकर ब्रह्मा जी प्रकट हुए और उन्होंने कहा, 'हे सप्त ऋषि में तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हुआ, तो मुझसे वर मांगो.' सप्त ऋषि अपने सामने ब्रह्मा जी को देखकर काफी खुश हुए और उन्होंने ब्रह्माजी के चरणामृत पाने की लालसा प्रकट की, लेकिन उस घनघोर जंगल में पानी का मिलना असंभव था. इसके कारण ऋषिगण अपने शरीर से पसीने को कमंडल में एकत्रित करना शुरू कर दिया.

शुरू हुआ पितृपक्ष

इसी बीच कमंडल अपने आप लुढ़क गया, जिससे ब्रह्मा जी ने संभालना चाहा, लेकिन कमंडल बार-बार लुढ़कते रहा. इस तरह कई बार कमंडल गिरने से ब्रह्मा जी के मुख से अनायास पुनः निकल गया. वहीं से एक जलस्रोत प्रवाहित हो गया है. वहीं तब से लेकर आजतक पुनपुन नदी में अनवरत प्रवाहित हो रही है.

राम ने भी अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान पुनपुन घाट पर किया
पुनपुन नदी के प्रवाहित होते देख ऋषि अचंभित हो गए. ब्रह्मा जी ने ऋषियों को कहा आप अचंभित न हो, आप सभी की तपस्या सफल हुई. यह नदी आज से पुनपुन नदी के नाम से जानी जाएगी, जो भी मनुष्य नदी के तट पर मुंडन कराकर पिंडदान करेगा उसके पितरों का उद्धार होगा और अंत में उसकी पितर बैकुंठ वास जाएंगे. इसकी चर्चा पदम पुराण में भी की गई है.

मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने भी अपने पिता राजा दशरथ की मृत्यु के बाद प्रथम पिंडदान पुनपुन घाट पर ही किया था. तब से ही पुनपुन पुरखों को तारने वाली नदी मानी जाती है. गौरतलब है कि गया में पिंडदान के लिए आने वाले पिंडदानी पटना गया रेलखंड के पुनपुन घाट हाल्ट और औरंगाबाद जिले में पुनपुन नदी के दो स्थानों पर पिंडदान करते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details