गया: बिहार के गया में पितृपक्ष मेला 2023 शनिवार को संपन्न हो गया. पितृपक्ष मेले के 17वें दिन आश्विन कृष्ण अमावस्या को इसका समापन हो गया. पितृपक्ष मेले में इस दफा 10 लाख के करीब यात्री पहुंचे. हालांकि संख्या वर्ष 2022 से थोड़ी कम है. उस समय कोरोना काल के बाद तीर्थ यात्री काफी संख्या में आए थे और उनकी अनुमानित संख्या करीब 12-13 लाख की थी. इस बार 2023 के पितृपक्ष मेले में 10 लाख यात्री पहुंचे.
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गया में दिखा मिनी भारत का नजाराः पितृपक्ष मेला 2023 महासंगम की शुरुआत 28 सितंबर से हुई थी. यह मेला 17 दिनों तक यानी की 14 अक्टूबर तक चला. इस दौरान देश और विदेश से तीर्थयात्री आए और अपने पितरों के निमित्त पिंडदान तर्पण, श्राद्ध का कर्मकांड किया. पितृपक्ष मेले में देश भर के सभी राज्यों से तीर्थ यात्री गया जी को आए. ऐसा लगा जैसे गया जी मिनी भारत बन गया हो. यहां देश के सभी राज्यों से तीर्थयात्री पितृपक्ष मेले में आए. भारत के विभिन्न राज्यों की अलग-अलग संस्कृति का समागम देखने को मिला.
एक अरब रुपए से अधिक का कारोबारः इस बार पितृपक्ष मेले में करीब एक अरब रुपए का कारोबार होने का अनुमान है. चूंकि 10 लाख के करीब यहां तीर्थयात्री पहुंचे हैं, एक तीर्थयात्री पर न्यूनतम 1000 से 2000 के बीच खर्च होता है. ऐसे में अनुमानित कारोबार एक अरब रुपए से अधिक का बताया जाता है. वैसे गयापाल पंडा बताते हैं, कि श्रद्धा करने वाले तीर्थयात्री 25 हजार तक खर्च करके यहां से जाते हैं.
सबसे अधिक बर्तनों की खरीदारी करते हैंःपितृपक्ष मेले में गया जी को पहुंचने वाले तीर्थयात्री सबसे अधिक बर्तनों की खरीदारी करते हैं. धाम से बर्तनों को ले जाकर हुए वे गया जी से लाई गई चीजों को धार्मिक रूप से काफी महता देते हैं. वहीं पीतल के बर्तनों की ज्यादा बिक्री होती है. इसके अलावे अन्य सामान भी तीर्थयात्री धार्मिक रूप से गयाजी से ले जाते हैं.
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