गया: विश्व प्रसिद्ध मोक्षधाम गया जी की महत्ता विदेशों तक फैली हुई है. मोक्ष और ज्ञान की इस भूमि पर स्थित मोक्षदायिनी फल्गु नदी में अब सालों भर पानी रहेगा. जल संसाधन विभाग ने राज्य सरकार को फल्गु नदी में सालों भर पानी रखने का प्रस्ताव भेजा था. जिसे 13 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई. आठ महीने के अंदर डीपीआर तैयार करने के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये भी दिए गए हैं.
नदी को मिला था मां सीता से श्राप
फल्गु नदी के बारे में सनातन धर्म कई कथाएं हैं. एक कथा के अनुसार माता सीता ने भगवान राम और लक्षमण की गैर मौजूदगी में बालू से राजा दशरथ का यहीं पिंडदान किया था. जिसकी गवाह फल्गु नदी भी थी. लेकिन भगवान राम और लक्षमण के लौटने पर फल्गु झूठ बोल देती हैं. जिस पर क्रोधित होकर मां सीता ने नदी को श्राप दे दिया. इसी वजह से तीन नदियों के संगम से बने होने के बावजूद भी यह जमीन के अंदर से बहती है.
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