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VIDEO : चुनाव में मिली हार...तो मुखिया प्रत्याशी ने JCB लाकर सड़क ही खोद डाला

गया में पांच गांवों को जोड़ने वाली सड़क को एक मुखिया प्रत्याशी ने जेसीबी से क्षतिग्रस्त करा दिया. जिसके विरोध में स्थानीय लोगों ने सीएम के काफिला के सामने प्रदर्शन किया और मुखिया प्रत्याशी पर कार्रवाई की मांग की. पढ़ें पूरी खबर..

People protest over damage of road by mukhiya candidate in Darbhanga
People protest over damage of road by mukhiya candidate in Darbhanga

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Published : Oct 14, 2021, 9:50 AM IST

Updated : Oct 14, 2021, 6:39 PM IST

गया:बिहार के गया जिले में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में हारने के बाद एक मुखिया प्रत्याशी ने जेसीबी से सड़क खोदकर दस फीट गड्ढा कर दिया. पांच गांवों को जोड़ने वाली इस सड़क के क्षतिग्रस्त (Road Damaged) होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इसी बीच बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) राजगीर से सड़क मार्ग होते हुए गया पहुंचे थे. जहां आक्रोशित लोगों ने सीएम के काफिला के सामने प्रदर्शन कर विरोध जताया. साथ ही मुखिया प्रत्याशी और उसके सर्मथकों पर कार्रवाई करने की मांग की.

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दरअसल, गया के मोहड़ा प्रखंड के तेतर पंचायत में मुखिया पद के लिए 16 उम्मीदवार चुनाव में खड़े थे. जिसमें से एक नाम चरवारा गांव के धीरेंद्र कुमार का भी था. चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो धीरेंद्र कुमार 341 मत प्राप्त कर बुरी तरह से हार गए. वहीं, पूर्व मुखिया चुन्नु सिंह की पत्नी शिल्पी सिंह भी खड़ी थी. जहां वो 1646 मतों से विजयी हुई. बता दें कि चुन्नु सिंह वही शख्स है जो इस समय एके-47 की तस्करी के आरोप में करीब एक वर्ष से जेल में बंद चल रहा है.

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फिलहाल, इस हार से बौखलाए मुखिया प्रत्याशी धीरेंद्र यादव ने सोमवार की दोपहर चरवारा गांव से होकर गुजरने वाली कच्ची सड़क को जेसीबी से करीब दस फीट की दूरी तक खोद दिया. बात दें कि यह सड़क चरवारा, जमुनापुर, नौडीहा, सोहाड़ी और सीतारामपुर गांव को जोड़ती है. ऐसे में सड़क क्षतिग्रस्त होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन को कई माध्यम से इसकी सूचना दी, लेकिन लोगों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसी बीच परेशान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिलने पर सैकड़ों की संख्या में तेतर भंडारी स्थान पहुंचकर प्रदर्शन किया. आक्रोशित लोग जब मुख्यमंत्री को आवेदन देने के लिए सड़क पर पहुंचने लगे तो आनन-फानन में थानाध्यक्ष ने लोगों से आवेदन ले लिया और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

बताया जा रहा है कि सड़क के लिए पूर्व में धीरेंद्र यादव ने ही अपनी जमीन दी थी. जमीन के बदले उसे सरकार की ओर से कोई लाभ नहीं दिया गया था. यह काम एक समझौते के तहत किया गया था. लेकिन जब उसे उस सड़क से ताल्लुक रखने वाले गांवों के लोगों का वोट नहीं मिला तो उसने सड़क को जेसीबी से क्षतिग्रस्त करवा दिया.

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Last Updated : Oct 14, 2021, 6:39 PM IST

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