गया: देश के महान राजनीतिक पुरुष व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर रविवार को टिकारी के पूर्व नगर पंचायत संजय जैन ने उनको याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी कुछ यादें टिकारी के लोग आज भी संजो कर रखे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 1977 में और दूसरी बार 1992 में बारा नरसंहार के बाद टिकारी आए थे.
अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर टिकारी के लोगों ने किया उन्हें याद वहीं, बीजेपी नेता महावीर जैन ने बताया कि उनका मुख्य कार्यक्रम गया में था, लेकिन हम लोगों के आग्रह पर उन्होंने टिकारी आने पर सहमति जताई थी, उन्होंने टिकारी किला परिसर स्थित नौ आना के सीढ़ीनुमा मुख्य द्वार पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था. महावीर जैन ने बताया कि अटल जी ने बहुत ही शालीनता से जनसंघ पर सारगर्भित भाषण दिया था.
दुख की घड़ी में टिकारी की जनता के साथ खड़े थे वाजपेयी
टिकारी में अटल जी के आगमन के साक्षी रहे नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि अपने व्यक्तित्व से सभी को सम्मोहित करने वाले वाजपेयी ने दुख की घड़ी में भी टिकारी को याद किया था. उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 के 12 फरवरी की रात दिल दहला देने वाला बारा नरसंहार हुआ था, जिसमें सवर्ण जाति के 32 लोगों की माओवादियों द्वारा गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के कुछ दिनों के बाद वाजपेयी जी ने बारा गांव का दौरा किया था और उन सभी पीड़ित परिवारों से उनके घर जाकर मिले थे.
वाजपेयी ने नरसंहार को बताया था विकास का बाधक
उन्होंने बताया कि बारा गांव से लौटने के बाद अटल जी सपा के प्रसिद्ध मां तारा देवी के मंदिर भी गए थे. वहीं, स्थानीय निवासी हिमांशु शेखर बताते हैं कि वे तारा देवी के दर्शन करने के बाद पुजारी से इनके महात्म्य के बारे में जानकारी ली थी. हिमांशु ने बताया कि लोगों को संबोधित करते हुए अटल जी ने क्षेत्र में अमन और भाईचारा कायम रखने की अपील की थी और जातीय हिंसा और नरसंहार को विकास का बाधक और समाज का दुश्मन बताते हुए अफवाह से बचने का आग्रह किया था.