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गर्मी बढ़ते ही गया में गहराने लगा पेयजल संकट, बिन पानी सब सून - गया न्यूज

बिहार सरकार के लाख दावों के बावजूद लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है. गड्ढों और तालाबों के पानी से गया के बोधगया प्रखण्ड के कचनपुर गांव के लोग अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

water problem in gaya
water problem in gaya

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Published : Apr 8, 2021, 7:06 PM IST

Updated : Apr 8, 2021, 7:23 PM IST

गया:एक तरफ बिहार सरकार हर घर तक नल का जल पहुंचाने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर लोगों को पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. घरों तक नल तो पहुंचे हैं लेकिन उसमें से एक बूंद पानी आजकल नहीं गिरा. ऐसे में लोगों को मजबूरी में पानी के लिए सुबह होते ही इधर से उधर भटकना पड़ता है.

देखें रिपोर्ट

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पेयजल संकट से जूझ रहे लोग
गया जिले के बोधगया प्रखण्ड का धनावा पंचायत के कचनपुर गांव में पेयजल संकट से लोग रोजाना दो चार होते हैं. यहां लोग प्यास बुझाने के लिए खेतो के पटवन के लिए चालू बोरिंग पर निर्भंर हैं. कभी कभी मुखिया जी भी मदद कर देते हैं और अपने घर से इन लोगों को पानी देते हैं.

विभागीय लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे लोग

'गांव के खेतों में पटवन के लिए बोरिंग चालू होता है. पूरा गांव उसी पटवन के बोरिंग से पानी लेने के लिए मारामारी करता है. गांव में नल जल योजना पहुंची है लेकिन नल से एक बूंद पानी नहीं गिरा है. बिना पानी के हम जीवनयापन कर रहे हैं.'- गुड़िया देवी, ग्रामीण

सुबह होते ही पानी की तलाश में लग जाते हैं लोग

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'इस गांव में पानी की बहुत बड़ी समस्या है. गांव में दो निजी बोरिंग हुआ है उसी से हमलोगों का प्यास बुझता है. हमलोग खेत से पानी लेकर उपयोग करते है. बिहार सरकार का नल जल योजना गांव में आया है लेकिन ठेकेदार काम पूरा किए बगैर ही भाग गया.'- अनिल मांझी,ग्रामीण

ग्रामीणों को पेयजल संकट से चाहिए मुक्ति

पानी की समस्या सालों पुरानी
दरअसल बोधगया प्रखण्ड स्थित कचनपुर गांव में पानी की समस्या सालों पुरानी है. इन दिनों पेयजल संकट अत्याधिक हो गया है. ग्रामीण एक-एक बूंद पानी के लिए तरस जाते हैं. ग्रामीण पटवन के लिए चालू बोरिंग से पानी भरते हैं. अपना और अपने परिवार की प्यास बुझाने के लिए ये लोग मुखिया के घर से भी पानी भरते हैं. ग्रामीणों के पास और कोई विकल्प नहीं है.

फिसड्डी साबित हो रहा नल का जल योजना

'हमलोग बधार से पानी लाते हैं क्योंकि नल जल योजना सिर्फ शोपीस बना हुआ है. आज तक एक बूंद पानी नहीं मिला है. सिर्फ बरसात के दिनों में थोड़ी राहत मिलती है.'- मुनीक देवी, ग्रामीण

'सरकार ने वार्ड सदस्य और वार्ड सचिव को एक मुश्त लगभग 14 लाख रुपये दिये थे. लेकिन इन दोनों ने राशि का गबन कर लिया. इन दोनों पर जिलाधिकारी ने प्राथमिकी भी दर्ज करवाई है.'- देवानंद चौधरी, धनावा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि

गया में सूखी धरती...प्यासे लोग

'नल जल योजना बुरी तरह से फेल'
गांव में नल जल योजना बुरी तरह से फेल हो गया है. पीएचईडी विभाग ने सोलर से चलने वाला वाटर पंप बनाया था, वो भी इन दिनों टूट गया है. ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. अब आने वाले समय में होने वाली परेशानी को लेकर ग्रामीण अभी से चिंतित हैं.

Last Updated : Apr 8, 2021, 7:23 PM IST

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