गया में लू के मरीज बढ़े, लेकिन अस्पताल प्रबंधन संदिग्ध मान रहा गया : बिहार के गया में हीटवेवका कहर पिछले 7 दिनों से जारी है. तापमान अब 44 डिग्री से ऊपर चला गया है. वहीं अब तक 6 लोगों की हीटवेव से मौत हो जाने की आशंका है. संख्या ज्यादा भी हो सकती है, हालांकि अभी तक हीटवेव से जिले में किसी भी मौत का अधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. लू से बीमार होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
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हीट स्ट्रोक वार्ड में मरीजों की भीड़ : आग उगलते सूरज और हीटवेव से मरीजों को राहत के लिए मगध प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल 'मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल' में हीट स्ट्रोक वार्ड बनाया गया है. यहां मरीज काफी संख्या में लगातार आ रहे हैं, जो कि हीटवेव से पीड़ित हैं. मरीजों के लगातार बढ़ने की स्थिति में उन्हें इधर से उधर शिफ्ट किया जा रहा है. कई मरीजों ने शिकायत किया कि उनके मरीज ठीक भी नहीं हुए और हीट स्ट्रोक वार्ड से निकालकर इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करा दिया गया.
गया के डोभी से पहुंचे तामारदार
सतेंद्र यादव ने बताया कि
''मां की तबीयत गर्मी के कारण खराब हुई है. उसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हीट स्ट्रोक वार्ड में भर्ती कराया गया था. किंतु बगैर पूरी तरह से ठीक हुए उसे इमरजेंसी में भेज दिया गया. इमरजेंसी में इलाज रामभरोसे था, तो वहां स्थिति बिगड़ गई. इसके बाद फिर से हीट स्ट्रोक वार्ड में मेरी मां को भर्ती कराया गया है.'' लू की पुष्टि नहीं कर रहे उपाधीक्षक : वहीं, हीट स्ट्रोक वार्ड के चार्ज में रहे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक प्रदीप कुमार अग्रवाल का अजीबोगरीब बयान सामने आया है. उनके बयान से ऐसा लगता है कि उन्हें लू या हीटवेव के नाम से चिढ़ है. यही वजह है कि जितने मरीज आ रहे हैं, उसके बावजूद भी उनका कहना है कि यह सारे मरीज विभिन्न तरह के बुखार से पीड़ित हैं, यानी बीमारियों वाले हैं.
''फिलहाल 58 मरीज भर्ती हैं. ये मरीज हीटवेव के हैं कि नहीं, यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है. वहीं, हीट स्टॉक वार्ड में सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई है और मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है.''- प्रदीप कुमार अग्रवाल, उपाधीक्षक, मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया