गया:मोक्ष की नगरी गयाजी में वीरानी छायी हुई है. कोरोना के चलते विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला इस बार रद्द कर दिया गया है. लिहाजा, पिंडदानी गया जी नहीं आये हैं. ऐसे में पालकी मजदूरों के सामने आर्थिक संकट आ गया है.
दरअसल, पितृपक्ष में प्रेतशिला पर्वत के शिखर पर स्थित वेदी पर पिंडदान करने का बड़ा महत्व रहता है. पितृपक्ष की अवधि में प्रेतशिला पर लाखों पिंडदानी पिंडदान करते हैं. प्रेतशिला के शिखर पर पहुंचना इतना आसान नहीं है. यहां जाने 676 सीढ़ी चढ़नी पड़ती है. इतनी लंबी चढ़ाई के लिए यहां पालकी की सेवा उपलब्ध है. इन्ही पालकी मजदूरों को आज दाने-दाने के लिए मुहताज होना पड़ रहा है.
एक दिन में 2 हजार की कमाई, अब...
पितृपक्ष के दौरान प्रेतशिला के नीचे सैकड़ों पालकी रहा करती थी. लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के वजह से एक दो पालकी दिख रही हैं. मध्यप्रदेश से आये दंपति को प्रेतशिला के शिखर पर ले जाने वाले पालकी मजदूर बिखु मांझी ने बताया दो दिन में एक पिंडदानी मिला है. पहले हम लोग हर दिन 2 हजार कमा लेते थे.