गया:कोरोना (Corona Pandemic) की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की काफी किल्लत हो गई थी. ऑक्सीजन के लिए आम आदमी से लेकर हॉस्पिटल तक को परेशानी हुई.
ऑक्सीजन की कमी से काफी संख्या में कोरोना मरीजों की मौत भी हो गयी थी. केंद्र सरकार और राज्य सरकार हॉस्पिटल में ऑक्सीजनकी किल्लत को खत्म करने के लिए अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेटर मशीन लगा रही है.
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अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट
गया (Gaya) के कोविड अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं. जिसमें हर दिन 100 से अधिक मेगा ऑक्सीजन सिलेंडर के बराबर ऑक्सीजन जेनरेट होगा.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में कोविड अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर दिन 600 मेगा ऑक्सिजन सिलेंडर की खपत होती थी.
"इस कोविड अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट बनाये गये हैं. दोनों ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हैं. इसमें बस बिजली देकर चालू करना है. इसमें ऑक्सीजन जेनरेट होगा और सीधे मरीज के बेड तक जाएगा. एक ऑक्सीजन प्लांट से 24 घंटे में 40 से 50 मेगा सिलेंडर तक ऑक्सीजन जेनरेट होगा"- रामविकास कुमार, मैकेनिक
"कोरोना की तीसरी लहर और ऑक्सीजन को लेकर अस्पताल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दो ऑक्सीजन प्लांट लगाये गये हैं. सामान्य दिनों में अस्पताल की ऑक्सीजन जितनी खपत होती है, वो इस दोनों प्लांटों से आपूर्ति हो जाएगी. कोरोना की दूसरी लहर में जितने मरीज आये, अगर उसी तरह से तीसरी लहर में उतनी संख्या में मरीज आ गए तो ये दोनों प्लांटों से आपूर्ति नहीं होगी"- डॉ. हरिश्चंद्र हरि, अधीक्षक, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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मरीजों में ऑक्सीजन की कमी
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन की कमी ज्यादा देखी जा रही थी. राज्य के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं रहने से मरीजों की लगातार मौत भी हो रही थी.
कई जगहों पर छापेमारी
इस दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी भी जमकर हुई. एक सिलेंडर के 50,000 से 70,000 रुपये तक वसूले जा रहे थे. प्रशासन की ओर से कई जगहों पर छापेमारी भी की गई और ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त भी किए गए.
वहीं, ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय ने राज्य के 9 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने का फैसला किया है.