गया : 22 साल पहले ऑपरेशन रक्षक में शहीद हुए शौर्य चक्र विजेता कैप्टन बालेंदु सिंह सेंगर का गया पितृपक्ष मेले में पिंडदान उनके पुत्र द्वारा किया गया. कैप्टन बालेंदु सिंह सेंगर जब शहीद हुए थे, उस समय उनका पुत्र कार्तिकेय अपनी मां की कोख में सिर्फ तीन माह का था. अब 22 साल बाद बेटा कार्तिकेय सिंह सेंगर विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में मोक्ष नगरी गया जी पहुंचा. जहां शहीद पिता को मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान कर रहे हैं.
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पितृ पक्ष मेले में पहुंचा शहीद का परिवार: गया में चल रहे विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में शौर्य चक्र विजेता ऑपरेशन रक्षक में शहीद हुए कैप्टन बालेंदु सिंह सेंगर का परिवार पहुंचा है. शहीद कैप्टन के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान का कर्मकांड किया जा रहा है. गया में शहीद कैप्टन का परिवार विभिन्न वेदियों पर पिंडदान कर रहा है. शहीद की पत्नी नीतू सिंह सेंगर और पुत्र कार्तिकेय सिंह सेंगर पहुंचे हैं. परिवार के अनुसार शहीद कैप्टन को मोक्ष दिलाने के लिए गयाजी में पिंडदान का कर्मकांड किया जा रहा है. इसके लिए अलग-अलग वेदियों की मान्यता के अनुसार पिंडदान तर्पण का कर्मकांड कर रहे हैं.
'वीरगति को प्राप्त हुए थे मेरे पिता': शहीद बालेंदु सिंह सेंगर के पुत्र कार्तिकेय सिंह सेंगर ने बताया कि मेरे पिता वीरगति को प्राप्त हुए थे. मेरे दादाजी भी आईपीएस थे. शहीद कैप्टन पिता को मोक्ष दिलाने गया जी आए हैं और पिंडदान का कर्मकांड कर रहे हैं. विष्णुपद, फल्गु, प्रेतशिला समेत अन्य वेदियों पर पिंडदान का कर्मकांड किया जा रहा है.