गया : बिहार के गया (Gaya) जिले में एक बार फिर रफ्तार का कहर देखने को मिला. आमस थाना के बुधौल गांव के जीटी रोड पर ऑटो व कंटेनर की जोरदार टक्कर हो गयी. हादसे में ऑटो पर सवार एक शख्स की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. वहीं छह लोगों की हालत गंभीर बतायी जा रही है. घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची गया पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
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दो की हालत गंभीर
मृतक की पहचान औरंगाबाद जिले के मुसाफिर थाना क्षेत्र के वाहिद बीघा गांव के सुरेंद्र चौहान के रूप में की गई है. जो ऑटो चालक था वह यात्रियों को लेकर आमस की ओर जा रहा था. सभी घायलों को कामत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डॉक्टर महेश प्रसाद ने बताया कि घायलों के मदनपुर थाना क्षेत्र के कोसडीहरा गांव सरिता देवी, बसंत प्रजापत, नरेश प्रजापत. देव के केताकी निवासी मोहम्मद साबिर हुसैन, गुरुआ थाना के तकिया निवासी सोनू कुमार शामिल हैं.
घायलों में बसंत का पैर टूट गया है, जबकि सोनू को गंभीर चोट आई है. इसके अलावा अन्य लोग मामूली रूप से घायल हैं. :- महेश प्रसाद, चिकित्सक पदाधिकारी
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हादसे के बाद एक घंटे लगा रहा जाम
जानकारी के मुताबिक आमस के जीटी रोड पर पश्चिम की और से आ रही ऑटो में पूरब की ओर से जा रही कंटेनर में जोरदार टक्कर मार दी. इससे ऑटो सवार लोगों के साथ-साथ उसके पीछे आ रही बाइक सवार दो लोग भी घायल हो गए है. हादसे के बाद करीब 1 घंटा तक जीटी रोड जाम रहा. आमस थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है. वहीं कंटेनर को जब्त कर लिया गया है.
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अनट्रेंड ड्राइवर हादसों की बड़ी वजह
बिहार में हर साल हजारों लोगों की जान सड़क पर चली जाती है. इसकी बड़ी वजह सड़क पर बेतहाशा बेलगाम दौड़ती तेज रफ्तार गाड़ियां और अनट्रेंड ड्राइवर है. लोग बिना ट्रेनिंग और पर्याप्त प्रैक्टिस के सड़क पर वाहन चलाना शुरू कर देते हैं. इसकी बड़ी वजह बिहार में ड्राइवर को ट्रेनिंग देने वाले सरकारी संस्थान की कमी भी है. लाइसेंस जारी करने में भी लाइसेंसिंग अथॉरिटी की तरफ से लापरवाही बरती जाती है. इसके कारण धड़ल्ले से बिना ड्राइविंग टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत कर दिए जाते हैं.
78% हादसों की वजह ड्राइवर की गलती
सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि 78% हादसे ड्राइवर की गलती से होते हैं. इनकी मुख्य वजह वाहनों को तेज रफ्तार से चलाना और ओवरलोडिंग है. बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़े के अनुसार 2016 से नवंबर 2020 तक 30,292 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. इसके साथ ही हजारों लोग घायल हुए हैं.
हर जिले में खुल रहा ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
परिवहन विभाग हर जिले में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोल रहा है, जिनमें अत्याधुनिक तरीके से ड्राइविंग सीखने की पूरी व्यवस्था होगी. औरंगाबाद में पहले से ही भारी वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुल चुका है. इसके अलावा पटना के फुलवारी शरीफ में ड्राइविंग ट्रैक का निर्माण चल रहा है, जिसमें अत्याधुनिक तरीके से ड्राइविंग स्किल्स सिखाया जाएगा.