गया: जिले के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन के आत्महत्या के बाद अब लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है. इसको लेकर जिले के विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी समेत कई अधिकारियों ने बैठक की. अधिकारियों ने इस आत्महत्या को परिवारिक कलह नहीं मानकर इसे जिला अधिकारी की प्रताड़ना बता रहे हैं.
अधिकारियों का क्या है आरोप?
इस बैठक में जिले भर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक ने एक स्वर में राजीव रंजन की आत्महत्या को प्रशासनिक दबाव बताया. उपस्थित अधिकारियों ने कहा यह आत्महत्या परिवारिक कलह की वजह से नहीं बल्कि प्रशासनिक दबाव, खराब कार्य संस्कृति, करियर को तबाह करने की धमकी, अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने के कारण मानसिक तनाव और अवसाद का नतीजा है. जिसने बीडीओ ने आत्महत्या के लिए उकसाया. मृत्यु की सूचना जिलाधिकारी को तुरंत करीब दोपहर साढ़े 12 बजे प्राप्त हो जाने के बावजूद भी वो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 घंटे बाद रात में लगभग 10 बजे पहुंचे थे.
10 सूत्री मांगों को लेकर लिखा पत्र
बैठक के बाद 10 सूत्री के मांग को लेकर बीडीओ के समूह ने मगध प्रमंडल आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, अपर मुख्य सचिव राजस्व भूमि सुधार विभाग, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, ग्रामीण विकास सेवा संघ के अध्यक्ष को जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त के खिलाफ पत्र लिखा गया है.
सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की मांग
इस पत्र में साफ तौर जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त पर आरोप लगाया गया है. बीडीओ के आत्महत्या की न्यायिक जांच की मांग की गई है. पुलिस को बरामद पांच पन्नों की सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की मांग की गई है. मांग यह भी हुई है कि राजीव रंजन की आत्महत्या में जिलाधिकारी और विकास आयुक्त की भूमिका की स्वंतत्र और निष्पक्ष जांच हो. इस पत्र में यह भी लिखा है कि अगर जल्द ही इस मामले में फैसला नहीं लिया गया तो सभी अधिकारी अनिश्चितकालीन धरना पर चले जाएंगे. बता दें कि 25 अक्टूबर 2019 को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कोंच बीडीओ राजीव रंजन पर आर्थिक दंड भी लगाया था.
युवा RJD नेता ने दी जानकारी
इम मामले को लेकर युवा आरजेडी के जिला अध्यक्ष सतीश कुमार ने बीडीओ से मुलाकात की. सतीश कुमार ने बताया सभी बीडीओ ने उनसे मदद की गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राजीव रंजन को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी और डीडीसी की ओर से सभी अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाता है. उनके खिलाफ विभागीय कारवाई की जाती है. जिस कारण सभी तनाव में रहते हैं.
क्या है मामला?
बता दें कि बुधवार को गया के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद जिले के सभी अधिकारियों ने हंगामा किया और इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है.