गया: जिले के नक्सली प्रभावित बाराचट्टी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग और एसएसबी के जवानों ने सुरक्षा के लिए नया तरीका अपनाया है. वन विभाग ने अफीम की अवैध खेती को रोकने के लिए हाइटेक इंतजाम कर लिया है. वन विभाग और एसएसबी अवैध अफीम की खेती और नक्सल ठिकानों पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखेगा.
गया: नक्सली मूवमेंट और अफीम की खेती रोकने के लिए अब ड्रोन कैमरों की मदद - Drone eye on Naxal movement
जिले के सुदूर नक्सल प्रभावी इलाकों में नक्सली मूवमेंट और अवैध अफीम की खेती को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने वन विभाग और एसएसबी को ड्रोन उपलब्ध कराए हैं.
ड्रोन से रखेंगे नक्सली और अवैध अफीम की खेती पर नजर
बाराचट्टी प्रखण्ड के भलुआ और जयगिर पंचायत घोर नक्सल प्रभावित इलाकों के रूप में जाना जाता है. यहां के जंगली इलाकों में बड़े पैमाने पर अफीम और गांजा की खेती पिछले कई सालों से होती आ रही है. जिसे रोकने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर ड्रोन से इन इलाकों पर नजर रखी जाएगी. वहीं, ड्रोन के कारण जिले में नक्सल के मूवमेंट पर भी नजर रखी जाएगी. इस ड्रोन की मदद से वनकर्मी जंगली इलाके में चप्पे-चप्पे पर नजर रख सकेंगे.
मिली जानकारी के अनुसार एसएसबी के कमांडेंट पी.एस.सलारिया के निर्देश पर निरीक्षक आदित्य कुमार के नेतृत्व में उपनिरीक्षक गगन कुमार और वन विभाग के रेंजर अफसार आलम द्वारा बाराचट्टी क्षेत्र के शंखवा, छोटी चापि, बड़की चापि, पिपराही इलाके में ड्रोन के द्वारा अवैध रूप से लगी अफीम की खेती और नक्सलियों का लगातार खोज किया जा रहा है.