गया: बिहार के गया में एक महिला मुखिया ऐसी भी हैं, जिन्हें इंसानों की ही नहीं बल्कि पशुओं की भी फिक्र है. यही वजह है कि गर्मी के इस मौसम में इंसानों के लिए जगह-जगह पर घड़े रखवाए, वहीं पालतू और जंगली जानवरों का भी ख्याल (drinking water available for animals) रखा. जानवरों को पानी आसानी से मिले, इसके लिए इन्होंने बिहार- झारखंड की सीमा पर कोठी के इलाके बीकोपुर में पानी के लिए दर्जन भर गड्ढे जेसीबी से खुदवाए हैं. मुखिया मेहरे अंगेज खानम वर्ष 2016 से अपने निजी पैसे से ऐसा करती हैं.
ये भी पढ़ेंःGaya News : देश के सबसे लंबे और बिहार के पहले रबर डैम में जून या बारिश के पहले आ जाएगा पानी
मोरहर नदी में खुुदवाए पानी के लिए गड्ढे: बताया जाता है कि गया के कोठी अंतर्गत बीकोपुर पंचायत की महिला मुखिया मेहरे अंगेज खानम और मुखिया प्रतिनिधि छोटन खान के द्वारा ऐसा पिछले 7 सालों से कराया जाता है. इसमें दोनों की सहभागिता रहती है और यह अपने रुपये लगाते हैं. ऐसा कर जंगली या पालतू पशुओं को पानी की समस्या से बड़ी निजात दिलाने का काम कर रहे हैं. वर्ष 2016 से इस प्रकार का कार्य किया जा रहा है.
इंसान और पशुओं को न हो पानी की समस्याःमहिला मुखिया मेहरे अंगेज खानम इंसानों के साथ-साथ पशुओं को पानी की किल्लत न हो, इसके लिए हर साल गर्मी के दिनों में पूरा ख्याल रखती हैं. यही वजह है कि बीकोपुर में कई स्थानों पर वह इंसानों के लिए घड़े रखवाती हैं, ताकि लोगों को ठंडा पानी आराम से उनके क्षेत्र में कहीं भी मिल सके. वहीं, पशुओं का भी ख्याल रखती हैं. यही वजह है कि जंगली हो या पालतू पशु, ऐसे जानवरों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता है. वह नदी में गड्ढे खुदवा देती हैं. इस साल भी करीब 10 से 12 बड़े-बड़े गड्ढे खुदवाए गए हैं.
जेसीबी से खुदवाती हैं गड्ढाः जेसीबी की मदद से गड्ढा खुदवाया गया है. इतना ही नहीं यदि किसी बड़े गड्ढे में पानी कम हो जाए, तो फिर से जेसीबी लगाकर उसमें गड्ढा करवाकर पानी की उपलब्ध करवा देते हैं. इससे पालतू मवेशी दिनभर यहां आकर पानी पीते हैं. वहीं रात में जंगली जानवर भी इनृ गड्ढों में भरे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं. इस तरह इंसानों के साथ-साथ पशुओं को पानी कैसे मिले, इसका ख्याल बीकोपुर पंचायत की मुखिया मेहरे अंगेज खानम पूरी तरह से रखती है.