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गयाः पैसे के लिए नहीं सम्मान के लिए तीन पीढ़ियों से यह परिवार बनाता है तिरंगे में अशोक चक्र

तिरंगा देश की आन-बान और शान का प्रतीक है. तिरंगे के लिए लोग अपनी जान न्योछावर कर देते हैं. वहीं बिहार के गया में एक परिवार ऐसा भी है जो तीन पीढ़ियों से तिरंगे का अशोक चक्र बना रहा है.

अशोक चक्र बनाते
अशोक चक्र बनाते

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Published : Jan 16, 2021, 7:12 AM IST

गयाः बिहार की धार्मिक नगरी गया आपसी सौहार्द के लिए जानी जाती है. वहीं देश का राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहा जाता है वह हमारी आन-बान और शान का प्रतीक है. तीन रंगों से बने तिरंगे के बीच में अशोक चक्र होता है. जोकि धर्मचक्र का प्रतीक है. वहीं गया का एक मुस्लिम परिवार है जोकि तीन पीढ़ियों से तिरंगा पर अशोक चक्र बना रहा है.

70 वर्षों से बना रहे हैं अशोक चक्र
गया के स्वराजपुरी रोड पर रहने वाले मोहम्मद शम्मी का परिवार पिछले 70 वर्षों से तिरंगे पर अशोक चक्र बना रहा है. आने वाली 26 जनवरी के लिए इस परिवार के सभी सदस्य अशोक चक्र बनाने में लगे हुए हैं. इनका कहना है कि पैसे के लिए नहीं बल्कि सम्मान के लिए अशोक चक्र बनाते हैं. इस बार गणतंत्र दिवस पर 30 हजार तिरंगे पर अशोक चक्र बनायेंगे.

तिरंगे पर अशोक चक्र बनाते मोहम्मद शमी
'हमें अपने काम पर फक्र'मोहम्मद शम्मी ने बताया कि मेरे दादाजी ने अशोक चक्र बनाना शुरू किया था. उनके इंतकाल के बाद मैं और फिर हमारे बच्चों ने इसका जिम्मा संभाला. इससे कमाई के नाम पर केवल मेहनताना मिलता है. लेकिन इसे करने से गर्व महसूस होता है. इसके जरिये मेरे परिवार को तीन पीढ़ियों से देश की सेवा करने का मौका मिल रहा है.

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