गया: मगध विश्वविद्यालय सेशन लेट को लेकर चर्चा में रहा है. विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही शैक्षणिक सत्र लेट चल रहा है. कुछ साल पहले तक आलम यह था कि 3 साल का स्नातक कोर्स 5 साल में काफी आंदोलन करने पर संपन्न होता था. इन दिनों भी शैक्षणिक कैलेंडर नियमानुसार नहीं चल रहा है. इस वजह से मगध विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के शैक्षणिक सत्र देर से चल रहे हैं.
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लगभग 40 कॉलेजों के सेशन लेट चल रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र नेता अभिषेक निराला ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द सभी परीक्षाओं को आयोजित कर समय पर परिणाम और डिग्री छात्रों को प्रदान करे नहीं तो हमलोग आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे. परीक्षा में लेट होने से छात्रों को काफी परेशानी होती है. समय से डिग्री नहीं मिलता है. दर-दर भटकने को छात्र मजबूर रहते हैं.
मानसिक तनाव झेल रहे छात्र
वहीं, मगध विश्वविद्यालय कैंपस में आए पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को छोड़कर सूबे के सभी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र काफी लेट चल रहा है. सरकार इस मामले में संज्ञान नहीं लेती है. छात्र शैक्षणिक सत्र देर होने के कारण मानसिक तनाव झेलते हैं.
"अधिकांश कोर्स की परीक्षाएं हो गई हैं. कुछ कोर्स की परीक्षा बची है. उसे जून से पहले तक करवाकर जून तक सभी को परिणाम मिल जाएगा. उसके बाद सभी सत्र नियमानुसार चलने लगेगा."- भिरगू नाथ, परीक्षा नियंत्रक, मगध विश्वविद्यालय
दो साल देर से चल रहा स्नातक का सत्र
गौरतलब है कि मगध विश्वविद्यालय का बंटवारा किया गया. बंटवारा स्वरूप पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय बना, लेकिन बंटवारा के पूर्व के पंजीयन छात्र आज भी मगध विश्वविद्यालय के अंग हैं. लगभग 40 कॉलेजों के सेशन लेट चल रहा है. स्नातक का सत्र 2018-21 दो साल पीछे चल रहा है. स्नातक 2019-22 का सत्र भी देर से चल रहा है. सिर्फ प्रथम वर्ष का एग्जाम हुआ है. वोकेशनल कोर्स में स्नातक डिग्री की सेशन लेट चल रही है. बीएड कोर्स का सत्र एक साल देर से चल रहा है. पीजी कोर्स में सत्र 2018-20 और 2019-2021 का सेशन लेट चल रहा है. एमएड में भी 2017-2019 और 2019-21 का सत्र लेट चल रहा है.