गया: बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आज अंतिम दिन है. पितृपक्ष मेले के अंतिम दिन आश्विन कृष्ण अमावस्या को पितरों के निमित्त श्राद्ध किया जाता है. इस दिन ब्राह्मण भोजन भी कराया जाता है. यहीं से गयापाल पंडा द्वारा तीर्थयात्री को सफल विदाई दी जाती है. पितृपक्ष मेले के अंतिम दिन अक्षय वट के नीचे श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन से पितरों को अक्षय लोक की प्राप्ति होती है.
Gaya Pitru Paksha Mela: पितृपक्ष मेले के 17वें और अंतिम दिन अक्षय वट के नीचे होता है श्राद्ध, पितरों को होती है अक्षय लोक की प्राप्ति
गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला (Pitru Paksha Mela 2023 In Gaya) का आज अंतिम दिन है. अंतिम दिन आश्विन कृष्ण अमावस्या को अक्षय वट के नीचे श्राद्ध करने का विधान है. इस दिन ब्राह्मण भोजन कराया जाता है. आगे पढ़ें पूरी खबर...
Published : Oct 14, 2023, 1:33 PM IST
गयापाल पंडा को दिया जाता है दान: पितरों के मोक्ष की कामना के निमित्त अंतिम दिन अक्षय वट के नीचे श्राद्ध, ब्राह्मण भोजन के उपरांत सेजिया दान की परंपरा है. सेजिया दान में सोने चांदी से लेकर पलंग, बर्तन, कपड़े और अन्य सामान होते हैं, जो कि गयापाल पंडा को दान किए जाते हैं. इस दिन तीर्थ यात्री अपने सामर्थ्य के अनुसार दिल खोलकर सेजिया दान करते हैं, ताकि उनके पितृ को मोक्ष की प्राप्ति हो सके और वो देवलोक, ब्रह्मलोक और विष्णु लोक को प्राप्त हो सकें.