पटना:प्रदेश में चुनावी सुगबुगाहट होने लगी है. जदयू और राजद के पोस्टर वार के बाद अब हम सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला बोला. मांझी वनाधिकार कानून, एनआरसी का मुद्दा और नीतीश कुमार के हालिया पोस्टर पर हमलावर दिखे. पूर्व सीएम जिले के गोदावरी सरोवर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे.
जीतनराम मांझी की फाइल फोटो 'सरकार विकास का सब्जबाग दिखा रही है'
बिहार में हो रहे पोस्टर पॉलिटिक्स पर भी तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग स्लोगन के भरोसे ही जीते हैं. जो सत्ता में रहते हुए काम करता है, उसे अपने कामों का डफली नहीं बजाना पड़ता है, वो जनता पर विश्वास करता है. ये लोग जनता को जाति के नाम पर, धर्म के नाम पर मुर्ख बना रहे हैं. विकास का सब्जबाग दिखाकर ये लोग सत्ता में हैं, इसलिए नारा देना पड़ रहा है.
जीतनराम मांझी की फाइल फोटो 'वनवासियों के साथ हो रही है ज्यादती'
जीतनराम मांझी ने कहा कि जो जंगल में रहता है, उसे वनाधिकार कानून के तहत जंगल में रहने के लिए और खेती करने के लिए जमीन मिलती हैं. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के सोनदाहा में वनवासियों पर विभाग ने जंगल काटने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया है. मैंने इस संबंध में एक सितंबर को जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा था. मांझी ने कहा कि जिस जमीन पर वनवासी रह रहे हैं, वो जमीन भूदान और परवाना का है, जो उनके पास 1955 से ही है. फिर फॉरेस्ट विभाग ज्यादती क्यों कर रही है. उन्होंने जिलाधिकारी पर काम में कोताही बरतने का आरोप लगाया. मांझी ने सोनदहा गांव के लोगों पर हुए एफआईआर को गलत बताते हुए एफआईआर को वापस लेने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की.
पत्रकार से बात करते मांझी 'एनआरसी भाजपा की साजिश है'
एनआरसी के मुद्दे पर जीतन राम मांझी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सरकार दलितों और अल्पसंख्यकों को देश से बाहर कर देना चाहती है. हाल ही में असम में 20 लाख लोगों को एनआरसी से बाहर कर दिया गया. हद तो तब हो गई जब एनआरसी की लिस्ट में पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के सदस्यों का भी नाम नहीं मिला. उन्होंने कहा कि भाजपा साजिश के तहत देश से दलितों और अल्पसंख्यकों को भगोड़ा साबित करने में लगी है.