पूर्व सीएम जीतन राम मांझी गया:बिहार में महागठबंधन की सरकार से अलग होने के बाद हम पार्टी के संरक्षक व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ गया में आग उगलते नजर आए. पूर्व सीएम मांझी ने उस सवाल पर कि वे भाजपा से मिले हुए हैं, कहा कि नीतीश ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई है क्या? नीतीश कौन मुंह से बोलते हैं, कि भाजपा खराब पार्टी है.
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बोले मांझी-'तेजस्वी को नीतीश कभी नहीं बनाएंगे सीएम': जीतन राम मांझी ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि सिर्फ चीफ मिनिस्टर बनने के लिए नीतीश, भाजपा के साथ गए. आज तेजस्वी को लॉलीपॉप दिए हुए हैं. मेरा दावा है कि तेजस्वी को नीतीश कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे. नीतीश कहते हैं कि भाजपा खराब पार्टी है. वे कौन मुंह से ऐसी बात बोल रहे हैं.
"एक बात है कि सब कुछ खा लिया और अब परहेज कर रहे हैं, वही स्थिति है. ये सिर्फ चीफ मिनिस्टर बनने के लिए भाजपा के साथ आते हैं. आज तेजस्वी को लॉलीपॉप दिए हुए हैं. नीतीश तेजस्वी को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे. एक समय ऐसा भी आएगा जब वह पलटी मारकर एनडीए के साथ चले जाएंगे."-जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
एनडीए में जाएंगे मांझी!: मांझी ने कहा कि अभी मैं न्यूट्रल हूं. 19 तारीख को कार्यकारिणी की बैठक होगी और उसी में जो सहमति बनेगी, उसी आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा. हमारी पार्टी छोटी है, हमको किसी न किसी का सहारा लेना पड़ेगा, चाहे वह कोई भी हो. 19 जून को बैठक होनी है, उसी में यह सब कुछ तय होगा.
'2020 में गवर्नर बनने का था ऑफर': उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी जी क्या कर रहे हैं, यह सोचने वाली बात है. वे कुछ बोलते नहीं हैं. अब मैं विपक्षी एकता की बात क्यों करूंगा. वहीं, गवर्नर बनाए जाने के सवाल पर कहा कि मुझसे नीतीश ने वर्ष 2020 में कहा था, कि गवर्नर बनाया जा रहा है, लेकिन वे नहीं बने थे. ऐसे में अब गवर्नर बनाए जाने जैसी बातों का कोई तथ्य भी नहीं है.
शराबबंदी पर फिर मांझी का हमला: पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि ऑफिसर लोग दारू पीते हैं, लेकिन शराबबंदी सिर्फ गरीबों के लिए है. गरीब जेल जाता है. अमीरों को ब्रेन एनालाइजर नहीं लगता, गरीबों को ही लगता है. हमारी सरकार बेरहम हो गई थी. ताड़ी को शराब की कैटेगरी में डाल दिया था, जो नेचुरल पौष्टिक चीज है.
पूर्व सीएम जीतन मांझी यहीं नहीं रुके. उन्होंने अपने सीएम के कार्यकाल में उपलब्धियों को गिनाया. वहीं यह भी कहा कि हमने जितनी योजनाओं को लाया था, उसे नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनने के बाद खारिज करने का काम किया. नीतीश कुमार के साथ थे तो उन्होंने हमारी बातों को नहीं माना. हमारे मुद्दों को अनसुना करते रहे.
'पार्टी विलय का बढ़ रहा था दबाव': मांझी ने कहा किहमारी पार्टी को कहे कि छोटे-छोटे चलने वाले दुकान बंद कर दीजिए. विलय कर लीजिए, नहीं तो बाहर हो जाइए. हमारे 45 मिनट की बैठक में उन्होंने 35 मिनट अपनी बात रखी और विलय या बाहर होने की बात ही करते रहे. अस्तित्व को बचाने के लिए हम सरकार से अलग हुए और हमारी पार्टी के मंत्री ने इस्तीफा दिया.
"हमको जब मुख्यमंत्री बनाए थे, तो हमने चार-पांच काम किए तो नीतीश के पेट में दर्द होने लगा था. हमने लड़कियों, किसान, गरीब, मुस्लिम के लिए काम किया. हम चाहते तो 6 महीना और सीएम रहते, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. मेरी सिद्धांत प्रतिष्ठा दांव पर थी, इसीलिए इस्तीफा दिया है."-जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम बिहार