गया:कहते हैं प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होती है. बिहार के गया के पटवाटोली में बुनकर मजदूर के बेटे ने इसे साबित कर दिखाया है. पावर लूम के बुनकर मजदूर तुलसी पटवा के पुत्र गुलशन कुमार ने जेईई मेंस परीक्षा के जारी किए गए रिजल्ट में देशभर के टॉप 20 छात्रों में अपना स्थान बनाया है. 250 रुपए से बुनकर की मजदूरी करने वाले तुलसी पटवा का परिवार अपने बेटे के रिजल्ट से काफी खुश है. वहीं, बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
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जेईई मेंस में टॉप 20 में गया के गुलशन कुमार: जेईई मेंस में देशभर में टॉप 20 छात्रों में स्थान बनाने वाले गुलशन कुमार के पिता बुनकर मजदूर हैं. जब गुलशन ने अपनी पढ़ाई शुरू की थी, तब यह ढाई सौ रुपए पर बुनकर मजदूरी का काम किया करते थे. अपने बच्चों को पढ़ाने और उनके सुनहरे भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत करते थे. वहीं दूसरी ओर उनके पुत्र गुलशन कुमार को इंजीनियर बनने की धुन सवार हुई. यही वजह है कि जेईई मेंस परीक्षा के जारी किए गए रिजल्ट में उसने देश भर के लाखों परीक्षार्थियों के बीच टॉप 20 में स्थान बनाया है.
'100 परसेंटाइल आया है.. बहुत खुश हूं':ईटीवी भारत से गुलशन ने बातचीत के दौरान अपनी संघर्ष और मेहनत की कहानी को साझा किया. गुलशन ने बताया कि जेईई मेंस का एग्जाम हुआ था उसमें मेरा 100 परसेंटाइल आया है. परीक्षा में लगभग 6 से 10 लाख बच्चे शामिल होते हैं. यह एनआईटी और दूसरे कॉलेजों का एंट्रेंस एग्जाम का एक टाइप है.जेईई मेंस दो शिफ्ट में होता है. एक शिफ्ट जनवरी में हुआ था. सेकेंड शिफ्ट अप्रैल में होगा. सिर्फ गया जिले से 10 हजार बच्चे इस परीक्षा में शामिल होते होंगे. देशभर में 20 लोगों का 100 परसेंटाइल है.
"अभी रैंक नहीं बताया गया है लेकिन बताया गया है कि पूरे देश में सिर्फ 20 लोगों का ही 100 परसेंटाइल आया है. मेरे पापा एक बुनकर हैं. पटवाटोली में हैंडलूम का काम करते हैं. मैं फिटजी पंजाबी बाग में पढ़ता था. वहीं मेरे सर ने गाइड किया था. बहुत सारे टेस्ट हुए थे. फॉरच्यूनेट फोर्टी से मैंने फिटजी पंजाबी बाग एडमिशन लिया था. फॉरच्यूनेट फोर्टी गरीब बच्चों के लिए एडमिशन लेने के लिए एक टेस्ट लेता है."- गुलशन कुमार, सफल छात्र