गया: जयप्रकाश लोकतंत्र सेनानी संगठन के बैनर तले लोगों ने शहर के जयप्रकाश झरना के समीप एक दिवसीय धरना दिया. साथ ही जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया. इस दौरान धरनार्थियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की.
जेपी को किया गया याद
धरना में शामिल बिहार जेपी लोकतंत्र सेनानी संगठन के महामंत्री अखौरी निरंजन प्रसाद ने कहा कि आज ही के दिन 18 मार्च को छात्र आंदोलन हुआ था. बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और देश में व्याप्त तानाशाह के विरोध में यह आंदोलन किया गया था. जिसका नेतृत्व जयप्रकाश नारायण ने किया था. इसके बाद से ही इस आंदोलन को जेपी आंदोलन के नाम से जाना जाने लगा. आज उस आंदोलन एवं जेपी को याद कर उन्हें नमन कर रहे हैं.
18 मार्च 1974 को हुआ था छात्र आंदोलन
उन्होंने कहा कि 18 मार्च 1974 के छात्र आंदोलन में कई लोगों को जेल जाना पड़ा था. आज उन लोकतंत्र संगठन के परिजनों की स्थिति खराब है. कई लोग मौत के गाल में चले गए और उनके परिजन मदद की आस लगाए हुए हैं. सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए. साथ ही जो राशि परिजनों को मिलती है उसमें बढ़ोतरी की जाए. इसके लिए हमलोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं.
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वहीं उन्होंने कहा कि उस समय देश में तानाशाह के खिलाफ यह आंदोलन किया गया था. जिसके बाद उस समय प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था. इस दौरान लाखों लोग जेल गए. वैसे लोगों के परिजन आज दर-दर भटक रहे हैं. कई लोगों की विधवा सहायता के लिए मदद की गुहार लगा रही हैं. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपातकाल को याद कर उस समय के सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. लेकिन उनके परिजनों को भूल जाते हैं. हम प्रधानमंत्री से यह मांग करते हैं कि ऐसे लोगों के परिजनो को सरकारी सुविधा मुहैया कराई जाए. इसके लिए प्रधानमंत्री को भी हमलोग ज्ञापन सौंपेंगे. साथ ही उस समय के लोकतंत्र सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाए.