गया:बोधगया की रहनेवाली सौम्या शर्मा ने बिहार के साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है. सात सितंबर को चंद्रयान 2 मून लैडिंग प्रधानमंत्री के साथ देखने के लिए उसे आमंत्रित किया गया है. कक्षा 8 की सौम्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान 2 को चंद्रमा के कक्ष में स्थापित होते देखेंगी. इसरो की ओर से आमंत्रण मिलने पर सौम्या के घर मे जश्न का माहौल है.
इसरो की ओर से आयोजित ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में बिहार के दो छात्रों ने सफलता हासिल की है. इसमें पटना से हर्ष प्रकाश और बोधगया की सौम्या शामिल हैं. देश से लगभग 72 विद्यार्थियों ने इस क्विज प्रतियोगिता में सफलता हासिल की है. यह सभी छात्र 7 सितंबर को चंद्रयान 2 को चंद्रमा के कक्ष में स्थापित होते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इसरो में बैठकर देखेंगे.
सौम्या को इसरो ने किया आमंत्रित वारसलीगंज प्रखंड के बाली गांव की रहने वाली है सौम्या
बता दें कि सौम्या नवादा जिला के वारसलीगंज प्रखंड के बाली गांव की रहने वाली है. वो तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है. सौम्या के पिता राजनंदन शर्मा रिलायंस पैट्रोलियम में इंजीनियर हैं और माँ मोनिका कुमारी गृहिणी हैं. सौम्या का परिवार बोधगया में दोमुहान के पास धनवा रोड में एक किराए के मकान में रहता है. दोमुहान के पास ही एक निजी स्कूल में सौम्या पढ़ाई करती है.
बोधगया की सौम्या शर्मा ने किया नाम रोशन 'मैं काफी उत्साहित हूं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सौम्या शर्मा ने बताया कि मैं काफी उत्साहित हूं . प्रधानमंत्री मोदी से मिलना और चंद्रयान 2 को मून पर लैडिंग होते हुए इसरो में बैठकर देखना मेरे लिये सपने जैसा है. सौम्या की मानें तो वो अधिकांश समय टीवी पर डिस्कवरी चैनल और साइंस से जुड़ी चीजें देखती हैं. इस क्विज प्रतियोगिता के बारे में सौम्या के पिता ने उसे बताया था.
सौम्या से ईटीवी भारत की खास बातचीत प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का सपना होगा पूरा
इस प्रतियोगिता में हाई लेबल के प्रश्न थे. सौम्या कक्षा आठ की छात्रा है जबकि सवाल नवमी और दशमी कक्षा का पूछा गया था. हालांकि सौम्या पूरी तैयारी के साथ गई थी. उसने कहा, 'मेरा ड्रीम था कि मैं नरेंद्र मोदी से मिलूं. अब मेरा ड्रीम पूरा होनेवाला है. मैं जब मोदी जी से मिलूंगी तो कहूंगी कि आप ही देश के प्रधानमंत्री हमेशा के लिए बने रहिए. मैं उनसे काफी प्रभावित हूं.'
प्रतियोगिता के लिए सौम्या ने की थी तैयारी वैज्ञानिक बनने का है सपना
सौम्या का कहना है कि इस प्रतियोगिता में सफल होने के बाद मुझे और मेरे परिवार को एक पहचान मिली है. लोग अब मुझे जानने लगे हैं. मुझे आगे चलकर वैज्ञानिक बनना है. मेरी प्रेरणास्रोत में मेरी दादी है, जो हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं. इस क्विज में सफलता हासिल करने के बाद मेरी दादी और नान-नानी बहुत खुश हैं.
सौम्या के घर मे जश्न का माहौल मुझे अपनी बेटी पर गर्व है
सौम्या के पिता राजनंदन शर्मा बताते हैं मन की बात कार्यक्रम में इस प्रतियोगिता के बारे में सुना था. प्रतियोगिता के लिए सौम्या ने चार-पांच दिन तैयारी की. 10 मिनट में 20 सवालों का जवाब देना था. लेकिन सौम्या ने सिर्फ 8 मिनट में ही सभी सवालों का जवाब दे दिया. 29 अगस्त को ईमेल से इस प्रतियोगिता में सफलता होने की सूचना मिली. 30 अगस्त को इसरो से आमंत्रण मिला. सौम्या के पिता ने कहा कि मुझे अपनी बेटी पर गर्व है.
सौम्या के घर मे जश्न का माहौल
सौम्या की मां मोनिका कुमारी बताती हैं कि सौम्या के सफलता से पूरे घर में खुशी का माहौल है. सौम्या का सपना पूरा हो रहा है, इससे मुझे दोगुनी खुशी है. सौम्या शुरू से मेधावी है, हमेशा कुछ अलग करना चाहती है. दादी का विश्वास था उनकी पोती एक दिन कुछ बड़ा करेगी. मैं इसरो से कहना चाहती हूं कि इस तरह की प्रतियोगिता हमेशा आयोजित कराते रहे ताकि अन्य प्रतिभाशाली बच्चों को भी मौका मिले.