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बोधगया के प्रसिद्ध तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट पर छाया वीराना, कोरोना का लगा ग्रहण - gaya tibetan refugee market news

बोधगया में हर साल तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट का ठंड के आगाज के साथ ही शुभारंभ होता था. लेकिन इस साल रिफ्यूजी मार्केट देर से लगाया गया है. यह मार्केट पिछले बार की तुलना में बहुत छोटा भी है.तिब्बतियन समुदाय के लोगो को इससे बड़ा नुकसान पहुंचा है.

tibetan refugee market in bodhgaya
tibetan refugee market in bodhgaya

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Published : Dec 18, 2020, 4:20 PM IST

गया: कोरोना वायरस ने साल 2020 की आर्थिक अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया है. इसका असर बोधगया के पर्यटन उद्योग के साथ ही तिब्बतियन मार्केट, रेस्टोरेंट और पर्यटन पर भी पड़ा है. बोधगया में हर साल लगनेवाले तिब्बतयन रिफ्यूजी मार्केट पर भी इसका साफ असर देखा जा रहा है.

तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट पर कोरोना का असर
बोधगया के पर्यटन सीजन का एक मुख्य आकर्षण का केंद्र तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट भी रहता था. जहां पिछले कई वर्षों से सिर्फ पर्यटन सीजन में सैकड़ों दुकान लगाया जाता था. देश विदेश से आए विदेशी पर्यटक यहां ऊनी वस्त्रों की खरीदारी किया करते थे. लेकिन अब तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट पर भी कोरोना का ग्रहण लग चुका है. इस बार रिफ्यूजी मार्केट में सिर्फर 25 दुकान ही लगाए गए हैं.

बोधगया का प्रसिद्ध तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट

सौ दुकानों की जगह सिर्फ 25 दुकान लगाये गये
बोधगया के नोड एक के पास तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट में करीब 70 से 100 दुकानें लगती थी लेकिन कोरोना के कारण आज मात्र 25 दुकानें ही लगी है. तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट के सचिव छिरिंग ज्ञानशो ने बताया कि हर वर्ष रिफ्यूजी मार्केट अक्टूबर माह में लग जाता था. इस साल कोरोना के कारण रिफ्यूजी मार्केट 2 दिसंबर से शुरू हुआ है.

तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट में वीराना

गौरतलब है कि पूरे देश में जाड़े के मौसम में तिब्बतियन रिफ्यूजी मार्केट विभिन्न नामों से लगाई जाती है. लेकिन गया का रिफ्यूजी मार्केट देश ही नहीं बल्कि विदेश तक में लोकप्रिय है. रिफ्यूजी मार्केट से विदेशी ज्यादातर इंडियन कपड़ों की खरीदारी करते हैं. इस बार विदेशी पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं, ऐसे में इन रिफ्यूजी मार्केट के 25 दुकानों को भी अभी तक कुछ कमाई नहीं हुई है.

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