गया/समस्तीपुर/मधुबनी/बांका/भागलपुर/कैमूर/छपराःनए कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया था. इसे लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों ने सभी जिलों में किसानों के बंद का समर्थन किया है. बंद समर्थक कृषि कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जिलों से बंद के दौरान हंगामे और पुलिस के साथ नोकझोंक की खबर भी आई है.
गया में टायर जलाए और बंद किया रास्ता
गया में किसान के समर्थन में भाकपा माले के लोग प्रदर्शन में शामिल हुए. समाजसेवी अखिलेश यादव अपने सहयोगियों के साथ इस बंदी का समर्थन किया. किसान बिल को लेकर कांग्रेस, राजद और भाकपा के लोग रोड पर उतरे और लोगों से आग्रह पूर्वक कहा कि अपनी अपनी दुकानें बंद करें.
इस बीच रोड पर जाम करके प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और आने जाने वाले लोगों को रोक दिया. आवागमन ठप कर दिया गया. यहां लोगों ने भैंसा पर सवार होकर प्रदर्शन किया. भैंस पर चढ़कर प्रदर्शन करते बंद समर्थक समस्तीपुर में आंदोलन को सफल बनाने में जुटा विपक्ष
वहीं, समस्तीपुर जिले में नए कृषि कानून के खिलाफ महागठबंधन दल से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान जिले के राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम साहिल भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर बैठकर आंदोलन को सफल बनाया. राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम शाही ने बताया कि सरकार जब तक नए कृषि कानून को वापस नहीं लेती है आंदोलन अनवरत चलता रहेगा.
प्रदर्शन करते माले नेता और कार्यकर्ता मधुबनी में सड़क पर उतरा विपक्ष किया प्रदर्शन
भारत बंद को लेकर मधुबनी में भी राजनीतिक दल सड़क पर उतर गए. भाकपा माले, सीपीआई ,कांग्रेस के साथ अन्य समर्थक दल सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रो. शीतलाम्बर झा ने कहा है कि किसान विरोधी तीनों काला कानून वापस लेने कृषि ऋण माफ करने, किसानों को लागत का दोगुना मुनाफा देने, बिजली बिल माफ करने, किसानों को 6 हजार प्रतिमाह पेंशन योजना लागू करने सहित किसानों और मजदूरों का शोषण बन्द करने के लिए भारत बंद किया गया है.
बांका में दुकानों और प्रतिष्ठानों को बंद कराया
उधर बांका में भी घने कोहरे और ठंड के बावजूद तमाम विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सुबह से ही सड़कों पर उतर गए. बंद समर्थकों ने हाथ में बैनर और पोस्टर लेकर शहर में घूम घूमकर दुकानों और प्रतिष्ठानों को बंद कराया. आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर बाजार पूरी तरह से बंद था. वाहनों की आवाजाही भी सड़कों से नदारद थी. विभिन्न राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने किसान बिल को काला कानून बताया और इसे वापस लेने की मांग किया.
भागलपुर में भी दिखा बंद का असर
भारत बंद के समर्थन में आज भागलपुर में राजद और सीपीआई समेत कई श्रमिक संगठनों ने जिले के स्टेशन चौक से जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. भागलपुर में श्रमिक संगठनों के द्वारा कराए गए बंद का मिलाजुला असर रहा. यातायात सुगम रहा और कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले मिले. जबकि बैंक कर्मियों के द्वारा इस देशव्यापी बंद को समर्थन दिया गया. इसलिए बैंककर्मी कार्यालय के बाहर बैठे हुए नजर आए.
कैमूर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी
वहीं, कैमूर में भी भारत बंद को लेकर भभुआ, मोहनिया, रामगढ़ में महागठबंधन के नेताओं ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया. बंद समर्थकों भारत बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे. भभुआ के एकता चौक पर चैनपुर के विधायक जमा खान अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच कर एकता चौक को जाम किया. साथ ही महागठबंधन के नेताओं के द्वारा भी सभी चौक चौराहों पर बंद करवाया गया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई.
छपरा में भी बंद का व्यापक असर
छपरा में भी आज किसानों के समर्थन में भारत बंद का व्यापक असर दिखा और विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने किसानों के समर्थन में भारत बंद का पुरजोर समर्थन किया. मुख्य विरोधी दल राजद के द्वारा भारत बंद के समर्थन में मरहौरा विधायक जितेंद्र राय, एकमा से राजद विधायक श्रीकांत यादव और माकपा के मांझी से विधायक सत्येंद्र यादव संयुक्त रुप से विरोध मार्च निकाला. जो शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ नगरपालिका चौक तक गया और वहां एक सभा का आयोजन किया गया. बंद समर्थकों ने दुकाने और सड़कों को पूर्ण रूप से अवरुद्ध कर सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की.
'किसानों की स्थिति और खराब हो जाएगी'
बता दें कि आज बंद के समर्थन में राजद, कांग्रेस, वामदलों, आम आदमी पार्टी, एसएफआई समेत कई गैर राजनीतिक संगठनों ने भी किसानों के मुद्दे पर भारत बंद का समर्थन किया और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. कानून का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि आज किसानों की जो स्थिति है वह काफी खराब है और उसके बाद भी जो नया कानून आ रहा है, यह पूरी तरह से किसान विरोधी है. किसानों की इससे स्थिति काफी खराब हो जाएगी और बिचौलिए हावी हो जाएगें.