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पंडित नेहरु, राजेंद्र बाबू, विनोबा भावे से जुड़ा है बोधगया का ये VIP कुआं, जानिए पूरी कहानी

बिहार के बोधगया में एक ऐतिहासिक कुआं है. इस कुएं का देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद तक से कनेक्शन है. साथ ही इस वीआईपी कुएं से विनोबा भावे का खास लगाव था और भाई द्वारिको सुन्दरानी का नाम भी इससे जुड़ा है. जानिए गौरवपूर्ण कुएं का इतिहास...

VIP well in Gaya
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Published : Apr 15, 2021, 6:03 AM IST

Updated : Apr 15, 2021, 11:32 AM IST

गया:बोधगया के समन्वय आश्रम की अपनी एक अलग पहचान है और यहां का वीआईपी कुआं हमेशा चर्चाओं में बना रहता है. बोधगया के दूसरे बुद्ध के रूप में प्रसिद्धभाई द्वारिको सुन्दरानी के आश्रम में यह कुआं है. इस कुएं की चर्चा समन्वय आश्रम के संचालक दिवंगत द्वारिको भाई सुंदरानी के निधन के बाद काफी तेज हो गई है. इस कुएं को लोग वीआईपी कुंआ कहते हैं क्योंकि विनोबा भावे के आग्रह पर जवाहरलाल नेहरु ने इसे बनवाया और राजेंद्र बाबू ने इसका उद्धाटन किया था. कई बड़ी हस्तियों के प्रयासों के कारण यह कुआं अस्तित्व था.

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बड़ी राजनीतिक हस्तियों से कुएं का कनेक्शन
बोधगया में स्थित समन्वय आश्रम के संस्थापक भाई द्वारिको सुन्दरानी थे. भाई द्वारिको सुन्दरानी की निधन के बाद उनसे जुड़ी चीजों की चर्चा होने लगी. इसी चर्चा में वीआईपी कुआं की चर्चा होने लगी है. इलाके में तेजी से चर्चा होने लगी कि गया में एक कुएं का संबंध राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से है.

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विमला दीदी, व्यवस्थापिका, समन्वय आश्रम

'इस कुआं को बनते हमने नहीं देखा है लेकिन इसके बारे में भाई द्वारिको सुन्दरानी ने बताया था. बोधगया के अमवा में ऑल इंडिया सर्वोदय सम्मेलन हुआ था, उसमें देश के प्रधानमंत्री, विनोबा भावे सहित अन्य देश के नामचीन राजनीतिक लोग थे. विनोबा भावे ने बोधगया के पास एक जमीन का टुकड़ा मांगा था. बोधगया आश्रम ने जमीन दान में दिया था. इस जमीन पर विनोबा भावे के आग्रह पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने अपने निजी राशि से आश्रम में कुआं बनवाया था.'- विमला दीदी, व्यवस्थापिका, समन्वय आश्रम

पं. नेहरु और राजेंद्र बाबू का जुड़ा है नाम
इस वीआईपी कुआं का शिलान्यास से लेकर उद्घाटन तक देश के प्रथम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के हाथों से हुआ था. 1954 में बनकर तैयार हुए इस कुएं का उद्घाटन देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने किया था. यह कुआं एक साल के अंदर 80 फीट गहरा और 20 फीट चौड़ा बनाया गया था. विनोबा भावे चाहते थे कि पक्का कुआं बनवाकर उसके पास एक आम का पेड़ लगा दिया जाए ताकि भगवान बुद्ध के दर्शन करने आए लोग पानी पीकर पेड़ की छांव में विश्राम कर सकें.

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कुआं बनाने की लागत 3000 रुपये
विनोबा भावे ने नेहरू जी से पक्का कुआं का निर्माण करने को कहा था. विनोबा जी ने कहा था कि पक्का कुआं बनवाकर उसके पास एक आम का पेड़ लगा दिया जाए. ताकि भगवान बुद्ध का दर्शन करने आने वाले लोग पानी पीकर पेड़ की छांव में विश्राम कर सके. कुआं बनाने की कुल लागत तीन हजार रुपये बतायी जाती है.

बोधगया के VIP कुआं की तस्वीर

कुआं के पास है आम का पेड़
विनोबा भावे ने कहा था कि पक्का कुआं बनवाकर उसके पास एक आम का पेड़ लगा दिया जाए ताकि भगवान बुद्ध के दर्शन करने आए लोगों को परेशानी ना हो और वे पानी पीकर पेड़ की छांव में विश्राम भी कर सके.

बुद्ध के रूप में प्रसिद्ध भाई द्वारिको सुन्दरानी की तस्वीर

'मैं 1958 से इस आश्रम में रह रहा हूं. मेरे आने से पहले कुआं का निर्माण हो गया था. देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने खुद के पैसे से कुंआ का निर्माण करवाया था. उसके बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने इसका उद्धाटन किया था. ये दोनों पहली बार बोधगया आये थे और इस कुएं की नींव रखी थी.'- रामचंद्र पासवान, स्वंयसेवक, समन्वय आश्रम

80 फीट गहरा और 20 फीट चौड़ा है वीआईपी कुआं

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पुराने अस्तित्व को बरकरार रखना चाहते थे विनोबा जी
पहले कुआं के एक तरफ शिलान्यासकर्ता और उद्घाटनकर्ता का नाम अंकित था. 1974 के आंदोलन में पुलिस ने सब कुछ तोड़ दिया था. आपको बता दें कि वीवीआइपी कुएं की पुरानी अस्तित्व मिट गई है. यानी अब मोटर से पानी लिया जाता है. 2019 के पहले तक इसके पानी का लोग उपयोग करते थे. उसके बाद मोटर के जरिये पेयजल और सिंचाई के लिए पानी का उपयोग किया जाने लगा. वर्तमान में कुआं से आश्रम के लोग एक भी बून्द पानी नहीं निकाल रहे हैं. फिलहाल जरुरत है इस कुआं को संरक्षित करने की ताकि आगे भी लोग इसके इतिहास को जानने के साथ ही इसे देख भी सके.

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Last Updated : Apr 15, 2021, 11:32 AM IST

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