गया: पटना-गया एनएच-83 की हालत बेहद ही खराब है. तकरीबन 127 किलोमीटर के इस सफर को पूरा करने में जहां तीन घंटे का समय लगना चाहिए. वहीं, इसकी जर्जर हालत की वजह से यह समय दोगुना हो जा रहा है. ईटीवी भारत ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग की जमीनी हकीकत जानी तो वास्तविकता सामने आ गई.
मोक्ष की नगरी गया को राजधानी पटना से जोड़ने वाला एकमात्र हाईवे के हालात पर हाल ही में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जिक्र करते हुए मरम्मती की धीमी गति पर भी नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या अब एनएच 83 पर बैलगाड़ी चलेगी. ये वही एनएच 83 है, जिससे विदेशी पर्यटकों से लेकर सरकार के मंत्री और हुक्मरान हर रोज आवगमन करते हैं. बावजूद यह इस सड़क की बदहाली माननियों को नहीं दिखी.
'सड़क बनाने वाली कंपनी हुई थी दिवालिया'
बोधगया में में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. ऐसे में गया पहुंचने के लिए पर्यटकों का एकमात्र सहारा एनएच 83 ही है. इस सड़क से पटना की ओर जाने पर दुर्गम पहाड़ी इलाके की चढ़ाई से कम नहीं लगता. स्थानीय लोग बताते हैं कि जब यहां पर एक लेन की सड़क थी तब पटना जाने में 3 घंटे का समय लगता था. लेकिन वर्तमान समय में 5 से 6 घंटे का समय लगता है. बताया जाता है कि 127 किलोमीटर लंबी इस सड़क के लिए साल 2014 में फोर लेन बनाने का कार्य शुरू हो गया था. लेकिन कुछ दूर सड़क बनने के बाद ही सड़क बनाने वाली कंपनी दिवालिया हो गई थी. जिस वजह से सड़क निर्माण का कार्य अधर में लटक गया था.