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Published : Jun 18, 2019, 6:50 AM IST

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लू पीड़ित मरीजों का हाल जानने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक 28 लोगों की मृत्यु हुई है. वहीं 106 मरीज अभी अस्पताल में इलाजरत है. जबकि 9 मरीजों को ठीक करके डिस्चार्ज किया गया है

स्वास्थ्य मंत्री

गया: जिले में शनिवार की रात में आसमानी कहर से 12 लोगों की मौत हो गई थी. काफी ज्यादा संख्या में लोग लू के चपेट में आ रहे हैं. बिहार में एक ओर चमकी बुखार बच्चों की जीवन लीला समाप्त कर रही है. वहीं दूसरी ओर गया में हिटवेव से बुजुर्गों की मौत हो रही है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने सोमवार को गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लू पीड़ितों और उनके परिजनों से मुलाकात की और उनका हाल जाना.


स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक 28 लोगों की मृत्यु हुई है. वहीं 106 मरीज अभी अस्पताल में इलाजरत है, जबकि 9 मरीजों को ठीक करके डिस्चार्ज किया गया है. मैं सभी मरीजों से मिला जो बोलने में सक्षम थे उनसे बातचीत की. ज्यादातर 50 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के लोग लू के चपेट में आये हैं. मरीजों के सेवा में अस्पताल प्रशासन एवं जिला प्रशासन हर समय तैयार है.

मरीज का हाल जानते स्वास्थ्य मंत्री


अस्पताल में बेड बढ़ाने का दिया निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मरीजों ने मुझे बताया कि यहां इलाज अच्छे ढ़ंग से किया जा रहा है और समय पर दवाई दी जा रही है. लगतार मरीजों की संख्या बढ़ रही है इसके लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 25 बेड और सदर अस्पताल में 50 बेड बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. जिला प्रशासन ने भी अनुरोध किया है, मैं भी आपके माध्यम से चैंबर ऑफ कॉमर्स से अनुरोध करता हूं कि सुबह 11 से चार बजे तक दुकानें बंद रखें. मनरेगा के तहत कार्य भी सुबह 10 बजे तक ही होगी.

जानकारी देते स्वास्थ्य मंत्री

सवालों के जवाब देने से बचकर निकले मंत्री
अस्पताल के बदहाली के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है. कहां बिजली है या नहीं है. मुआवजा के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संवेदनशील है. मुख्यमंत्री को जब ज्ञात हुआ उसी वक्त उन्होंने मुआवजा की घोषणा कर दी. गया जिला में तक अभी 12 लोगों को मुआवजा दिया गया है. पत्रकारों के तीसरे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री खड़े हो गए और कहने लगे कि मुझे औरंगाबाद जाना है और शाम में मुख्यमंत्री जी के साथ मीटिंग में रहना है. इतना बोलकर स्वास्थ्य मंत्री चले गए.

बदला हुआ था अस्पताल का नजारा
कल तक जो अस्पताल मरीजों और उसके बदहवास हुए परिजनों से भरा था. आज उसका नजारा बदला हुआ था. हर तरफ सफाई, पंखे की व्यवस्था, बेड पर चादर और डॉक्टरों की लंबी फौज दिख रही थी. मंत्री जी का खौफ इतना था कि उनके आने के चंद मिनट पहले कागज पर प्रिंट करके वार्ड और नियंत्रण कक्ष का बोर्ड लगाया जा रहा था.

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