गया: पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटा गया. इस नियुक्ति में कथित रूप से गड़बड़ी की बात कही जा रही है. गया में शिक्षक नियुक्ति में कथित घोटाले एवं अनियमितता का आरोप लगाते हुए हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (से.) के कार्यकर्ताओं ने शहर के गांधी मैदान के समीप एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की.
बहाली में गड़बड़ी के आरोपः धरना में शामिल हम के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राजेश पांडे ने कहा कि "शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बिहार के युवाओं के साथ धोखा किया गया है. जो युवा वर्षों से नौकरी की उम्मीद लगाए हुए थे, उन्हें दरकिनार किया गया और बाहरी लोगों को नौकरी दी गई." उन्होंने कहा कि वोट दे बिहारी और नौकरी पाए बाहरी, यह रणनीति नहीं चलेगी. इसके अलावा बहाली प्रक्रिया में घोटाला किया गया है, जिसका हमारे पास सबूत भी है.
उच्चस्तरीय जांच की मांगः राजेश पांडे ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच की जाए, या फिर सीबीआई से पूरे मामले की जांच करवाई जाए. इसे लेकर पूरे प्रदेश में धरना कार्यक्रम चल रहा है. उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि राज्य में डोमिसाइल नीति लागू की जाए, ताकि यहां के युवाओं को रोजगार मिले. बिहार में ही यहां के स्थानीय लोगों को नौकरी ना मिले, सरकार की यह नीति नहीं चलेगी. इस मौके पर जिलाध्यक्ष नारायण मांझी, दीनानाथ मांझी, शंभू कुमार, नंदलाल मांझी सहित कई लोग उपस्थित थे.
पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्रःबता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद 1 नवंबर तक ट्रेनिंग हुई. इसके बाद पटना के गांधी मैदान में 2 नवंबर को एक भव्य कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र वितरित किया गया. 1 लाख से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाना है. सीएम नीतीश कुमार करीब 5000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र खुद देंगे.