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गया: सरकारी स्कूल के बच्चे बनाएंगे रोबोट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी दे रहा प्रशिक्षण

साॅफ्ट रोबोटिक्स पर काम कर रहे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने प्रोजेक्ट के सहयोगी के रूप में गया के +2 जिला स्कूल को चुना है. स्कूल में बने अटल टिकरिंग लैब (एटीएल) में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने प्रोजेक्ट को लेकर छात्रों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है. ये प्रशिक्षण 23 मार्च तक चलेगा. देखिए ये रिपोर्ट.

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Published : Jan 30, 2021, 6:41 PM IST

Updated : Jan 30, 2021, 10:54 PM IST

गया:बिहार को गया के सरकारी स्कूल के बच्चों ने देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई है. सॉफ्ट रोबोटिक्स पर काम कर रही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रोजेक्ट के लिए गया शहर में स्थित +2 जिला स्कूल के छात्रों का चयन किया है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ जिला स्कूल के 10 बच्चों को हर दिन रोबोट बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं.

सॉफ्ट रोबोटिक्स की दी जानकारी

सरकारी स्कूल के बच्चों का कमाल
गया के सरकारी स्कूल के बच्चों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है. जिसके बाद अच्छे अच्छों को भरोसा नहीं हो पा रहा है. दरअसल स्कूल के तीन छात्रों ने संसाधन के अभाव में एयर वाटर जेनरेटर बनाया था. जिसे जिला स्कूल के अटल टिकरिंग लैब में छात्र प्रेम सागर, प्रीतम और श्रेया ने कचड़े से रिसाइक्लिंग करके इसे बनाया. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को अमेरिका की मल्टीनेशनल कंप्यूटर टेक्नोलॉजी कंपनी डेल ने पेटेंट कर लिया. इसी प्रोजेक्ट के लिए तीनों छात्रों को 14 नवंबर 2019 को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था.

सरकारी स्कूल के बच्चे बनाएंगे रोबोट

'डेल' ने माना छात्रों के हुनर का लोहा
बता दें कि गया जिले में पानी की समस्या को दूर करने के लिए जिला स्कूल के छात्रों ने एयर वाटर जेनरेटर को बेकार पड़े सामानों और कचरा से बनाया है. ये मशीन हवा की नमी को आब्जर्व करके एक घंटे में एक लीटर ठंडा या गर्म पानी देती है. इस प्रोजेक्ट को डेल ने पेटेंट कर लिया है और जल्द ही इसे एम मशीन में तब्दील कर टेस्टिंग के लिए इस स्कूल में भेजा जाएगा. इस अविष्कार से सैनिकों को फायदा होगा. जो सुदूर या रेगिस्तानी इलाको में हवा की नमी से पीने के लिए पानी की व्यवस्था कर सकते हैं.

एयर वाटर जेनरेटर

''एयर वाटर जेनरेटर के सफलता के बाद नीति आयोग ने तय किया कि जिला स्कूल के बच्चों को सॉफ्ट रोबोटिक्स के लिए मौका दिया जाए. जिसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने सॉफ्ट रोबोटिक्स बनाने के लिए जिला स्कूल का चयन कर लिया-देवेंद्र सिंह, जिला स्कूल एटीएल इंचार्ज

छात्रों ने एयर वाटर जेनरेटर बनाया

सॉफ्ट रोबोटिक्स की दी जानकारी
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट में चयनित छात्र शक्ति कुमार ने बताया कि सबसे पहले उन्हें सॉफ्ट रोबोटिक्स के बारे में जानकारी दी गई. पैरालिसिस से ग्रसित लोगों के लिए बेहतर से बेहतर रोबोट कैसे बना सकते है इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी दे रहा प्रशिक्षण

''स्कूल कोई खराब नहीं होता है. पढ़ने वाले लोग चाहिए. हममें पढ़ने का जुनून है तो हम हजारों किलोमीटर दूर से अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने हम लोग चयन किया है''- शक्ति कुमार, छात्र

पैरालिसिस से ग्रसित लोगों के लिए रोबोट
वहीं, स्कूल की छात्रा प्रतीक्षा सिंह ने बताया कि हम सॉफ्ट रोबोटिक्स के जरिये पैरालिसिस से ग्रसित लोगों की मदद के लिए रोबोट बनाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. हमें सॉफ्ट रोबोटिक्स को बनाने के लिए किट भी दिया गया है.

''सॉफ्ट रोबोटिक्स के जरिये हम पैरालिसिस से ग्रसित लोगों की मदद कर सकेंगे. उनका जो पार्ट काम नहीं करता है, वो पार्ट सॉफ्ट रोबोटिक्स के जरिये काम कर सकेंगे''- प्रतीक्षा सिंह, छात्रा

छात्रों को प्रशिक्षण

23 मार्च तक चलेगा प्रशिक्षण
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट का प्रशिक्षण कार्यक्रम 29 जनवरी से लेकर 23 मार्च तक ये प्रशिक्षण चलेगा. 23 मार्च को प्रोजेक्ट यूनिवर्सिटी को सौंपना होगा. जिला स्कूल प्रिंसिपल सुदर्शन शर्मा ने बताया कि एएलटी लैब के जरिए स्कूल में कुछ नवाचार करने के लिए मेरे खुद की टीम, देवेंद्र सिंह की टीम और छात्रों की टीम बनी है.

''उम्मीद है कि जिस तरह एयर वाटर जेनरेटर बनाने के बाद स्कूल का नाम विश्व पटल पर है, उसी तरह सॉफ्ट रोबोटिक्स के लिए स्कूल कुछ अलग और बेहतर आविष्कार कर दुनिया में बिहार का डंका बजा देगी''- सुदर्शन शर्मा, प्रिंसिपल, जिला स्कूल

स्कूल के बच्चे बनाएंगे रोबोट

प्रदेश को विश्वस्तर पर दिलाई ख्याति
बिहार में शिक्षा का स्तर काफी निचले पायदान पर है. लेकिन गया के होनहार छात्रों ने देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर प्रदेश को गौरवान्वित किया है. सॉफ्ट रोबोट के निर्माण को लेकर दुनिया भर में जो शोध चल रहे हैं, ये बच्चे अब उनका हिस्सा है.

Last Updated : Jan 30, 2021, 10:54 PM IST

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