गया:बिहार को गया के सरकारी स्कूल के बच्चों ने देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई है. सॉफ्ट रोबोटिक्स पर काम कर रही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रोजेक्ट के लिए गया शहर में स्थित +2 जिला स्कूल के छात्रों का चयन किया है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ जिला स्कूल के 10 बच्चों को हर दिन रोबोट बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं.
सरकारी स्कूल के बच्चों का कमाल
गया के सरकारी स्कूल के बच्चों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है. जिसके बाद अच्छे अच्छों को भरोसा नहीं हो पा रहा है. दरअसल स्कूल के तीन छात्रों ने संसाधन के अभाव में एयर वाटर जेनरेटर बनाया था. जिसे जिला स्कूल के अटल टिकरिंग लैब में छात्र प्रेम सागर, प्रीतम और श्रेया ने कचड़े से रिसाइक्लिंग करके इसे बनाया. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को अमेरिका की मल्टीनेशनल कंप्यूटर टेक्नोलॉजी कंपनी डेल ने पेटेंट कर लिया. इसी प्रोजेक्ट के लिए तीनों छात्रों को 14 नवंबर 2019 को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था.
'डेल' ने माना छात्रों के हुनर का लोहा
बता दें कि गया जिले में पानी की समस्या को दूर करने के लिए जिला स्कूल के छात्रों ने एयर वाटर जेनरेटर को बेकार पड़े सामानों और कचरा से बनाया है. ये मशीन हवा की नमी को आब्जर्व करके एक घंटे में एक लीटर ठंडा या गर्म पानी देती है. इस प्रोजेक्ट को डेल ने पेटेंट कर लिया है और जल्द ही इसे एम मशीन में तब्दील कर टेस्टिंग के लिए इस स्कूल में भेजा जाएगा. इस अविष्कार से सैनिकों को फायदा होगा. जो सुदूर या रेगिस्तानी इलाको में हवा की नमी से पीने के लिए पानी की व्यवस्था कर सकते हैं.
''एयर वाटर जेनरेटर के सफलता के बाद नीति आयोग ने तय किया कि जिला स्कूल के बच्चों को सॉफ्ट रोबोटिक्स के लिए मौका दिया जाए. जिसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने सॉफ्ट रोबोटिक्स बनाने के लिए जिला स्कूल का चयन कर लिया-देवेंद्र सिंह, जिला स्कूल एटीएल इंचार्ज
सॉफ्ट रोबोटिक्स की दी जानकारी
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट में चयनित छात्र शक्ति कुमार ने बताया कि सबसे पहले उन्हें सॉफ्ट रोबोटिक्स के बारे में जानकारी दी गई. पैरालिसिस से ग्रसित लोगों के लिए बेहतर से बेहतर रोबोट कैसे बना सकते है इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है.