गया:बिहार के गया जिले के चंदौती प्रखण्ड स्थित चंदौती उच्च विद्यालय की शिक्षिका सुष्मिता सान्याल वेस्ट टू हेल्थ प्रोग्राम के तहत घड़े वाला कूलर तैयार किया था. अब इस कूलर का प्रजेंटेशन 14 अगस्त को केंद्र सरकार के प्रधान सलाहकार वैज्ञानिक विजय राघवन (Vijay Raghavan) देखेंगे और इस पर चर्चा करेंगे. सुष्मिता सान्याल (Sushmita Sanyal) को केंद्र सरकार ने कचरे से ऊर्जा तैयार करने के लिए एक साल की फेलोशिप भी दी है.
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दरअसल गया शहर के चंदौती मध्य विद्यालय की शिक्षिका सुष्मिता सान्याल कचड़ा प्रबंधन के लिए काम कर रही हैं. भारत सरकार के प्रधानमंत्री विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के 9 राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के वेस्ट टू वेल्थ मिशन के तहत अपशिष्ट प्रबंधन से ऊर्जा निर्माण करने के लिए सुष्मिता को फेलोशिप दिया गया है.
सुष्मिता सान्याल के अब तक के कार्यो के लिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और प्रधान सलाहकार वैज्ञानिक के सामने वर्चुअल तरीके से प्रेजेंटेशन होगा जिसमें उनके द्वारा किया गया कार्य व शोध पर चर्चा होगा.
मैं पिछले तीन सालो से कचड़े का निष्पादन और रिसाइक्लिंग के लिए काम कर रही हूं. घड़ा वाला कूलर घर से निकलने वाले कचरा से बना है जिसको बनाने में मात्र 500 रुपया खर्च पड़ता है. मुझे केंद्र सरकार द्वारा जो फेलोशिप मिला है उसमें कचरा से ऊर्जा का विकास करना है. अभी मैं कूलर को चलाने के लिए बाइक की बैटरी का उपयोग कर रही हूं लेकिन मुझे कचरे से ऊर्जा का उपयोग करना है. इसके लिए मैं बायो बैटरी बनाने के लिए काम कर रही हूं.- सुष्मिता सान्याल, शिक्षिका
सुष्मिता बायो बैटरी बनाने में लगी हैं. उन्होंने बताया कि यह बैटरी गोबर से बनेगा अभी इस पर शोध चल रहा है. केन्द्र सरकार के मुख्य सलाहकार वैज्ञानिक स्वच्छता सारथी संवाद के तहत सुष्मिता के प्रोजेक्ट को देखेंगे और चर्चा करेंगे. इस संवाद के लिए तीन से चार मिनट मिलेगा जिसमें सुष्मिता को पूरी जानकारी देनी होगी.