गयाः जिले में ठंड ने बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ठंड के इस प्रकोप में आम लोगों से लेकर खास व्यक्ति का जनजीवन प्रभावित हुआ है. वहीं, इस भीषण ठंड का असर जिले के गौड़ीय मठ में राधे कृष्ण की प्रतिमा पर भी हुआ है. यहां भगवान को भक्ति भाव और बृज परंपरा के अनुसार राधेश्याम, भगवान जगन्नाथ सहित दीवारों पर लगे पोस्टरों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी कपड़े पहनाए गए हैं.
कड़कड़ाती सर्दी का असर: स्वेटर की शरण में भगवान - बिहार
मंदिर की स्थापना 1936 में हुई थी. तभी से भगवान को ऊनी कपड़े पहनाने की परंपरा है, ठंड के दिनों में भगवान को गर्म कपड़े पहना दिए जाते हैं. खास बात यह है कि भगवान के लिए गर्म कपड़े कलकत्ता से लाये जाते हैं.
'कलकत्ता से लाया जाता है गर्म कपड़ा'
भगवान को भी ठंड लगती है ये सुनकर थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन गया के गौड़ीया मठ में भगवान की प्रतिमा को परंपरा के अनुसार ठंड शुरू होते ही गर्म कपड़े पहना दिए जाते हैं. मंदिर के पुजारी उत्तम श्लोक दास ने बताया कि मंदिर की स्थापना 1936 में हुआ था. तभी से यह परंपरा शुरू है. ठंड के दिनों में भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं. गर्म कपड़ों को कलकत्ता से लाया जाता है. भगवान को हर रोज नए-नए और गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं.
'गर्म पानी से स्नान करते हैं भगवान'
पुजारी ने बताया जिस प्रकार इंसान ठंड के मौसम में गर्म पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार भगवान को भी हर रोज गर्म पानी से नहलाया जाता है. इसके साथ ही गर्म पानी का भोग भी कराया जाता है. ठंड से बचने के लिए भगवान को ऊनी स्वेटर, टोपी, शॉल और दस्ताने पहनाए जाते हैं. बता दें कि गया में गर्मी भी भीषण पड़ती है. गर्मी के दिनों में मूंगा पत्थर से बनी गणेश जी की प्रतिमा को पंखा लगाया जाता है. वहीं, ठंडी के दिनों में भगवान को ऊनि कपड़े पहनाए जाते हैं.