गया :जिले के मोहरा प्रखंड में पर्वत पुरुष दशरथ मांझी की पुण्यतिथि पर बिहार सरकार ने गेहलौर महोत्सव का आयोजन किया. महोत्सव का उद्घाटन कला संस्कृति व युवा विभाग मंत्री प्रमोद कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया.
गायिका दीक्षा तुर्रे ने अपनी प्रस्तुति से बांध दिया समा
इस आयोजन में दल और विचार की विभिन्नता को छोड़कर पक्ष विपक्ष एक मंच पर बैठे थे. मंच से जीतनराम मांझी ने सरकार के मंचासीन मंत्रियों से कहा अब तो आप राज्य और केंद्र दोनो जगह हैं. अब दशरथ मांझी को भारत रत्न क्यों नही दिलवा देते हैं. वहीं इस मौके पर कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ,ग्रामीण विभाग मंत्री श्रवण कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ,सांसद विजय मांझी सहित कई नेता गण उपस्थित रहे. उद्घाटन कार्यक्रम के बाद सुप्रसिद्ध गायिका दीक्षा तुर्रे ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया.
पर्वत पुरुष के स्मृति में गेहलौर महोत्सव का होता है आयोजन
जुनून और प्यार के लग्न से मांझी ने 22 वर्षो तक पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया. पुण्यतिथि पर पर्वत पुरुष के स्मृति में बिहार सरकार गेहलौर महोत्सव का आयोजन करती है. जीतनराम मांझी ने बिहार सरकार के मंत्रियों से मुखातिब होते हुए कहा अब तो राज्य और केंद्र में आपकी सरकार है. बिहार सरकार ने कपूरी ठाकुर और दशरथ मांझी को भारत रत्न देने के लिए अनुशंसा कर दी है. अब किस बात की देरी है. दशरथ मांझी एक श्रमिक थे और श्रमिक को भारत रत्न देकर आप गौरवान्वित होंगे.
"एनडीए सरकार ने दी दशरथ मांझी को पहचान"
वहीं कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि 1982 से 2005 तक समाजिक न्याय की बात करने वाले दशरथ मांझी को पूछा तक नहीं गया. एनडीए सरकार ने उन्हें पहचान दी. इसके साथ ही कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि 22 वर्षों तक एक पहाड़ को काटकर सड़क बनाने वाले दशरथ मांझी को पहचान एनडीए सरकार ने दी है. उससे पहले मांझी कच्ची सड़क को पक्की बनाने के लिए राजनीतिक दलों के पास चक्कर काटते रहते थे. हम भी चाहते हैं उनको भारत रत्न मिले.
गायिका दीक्षा तुर्रे ने अपनी प्रस्तुति से बांध दिया समा
क्या कहते हैं उनके पुत्र
दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथी मांझी ने कहा कि बिहार सरकार ने कहा था कि उन्हें भारत रत्न दिया जायेगा. लेकिन आज तक नहीं मिला. हम लोग अभी तक इसके आस में हैं.
दशरथ मांझी के स्मृति में गेहलौर महोत्सव का किया गया आयोजन