गया में तिलकुट बाजार गुलजार गया:विश्व प्रसिद्ध गया की तिलकुटकी सौंधी खूशबू से (Tilkut Bazar buzzes in Gaya) पूरा बाजार गुलजार हो रहा है. मकर संक्रांति पर्व की तैयारियों को लेकर बाजारों में हर तरफ तिलकुट की रौनक बढ़ गई है. मकर संक्रांति को लेकर गया के तिलकुट की डिमांड काफी बढ़ गई है. यहां गुड़, चीनी-खोवा से लेकर शुगर फ्री तिलकुट भी उपलब्ध है. मकर संक्रांति के एक दिन पहले ही उसका स्टॉक कम हो गया है. बिक्री इतनी हो रही है कि कारीगर और दुकानदार दिन रात एक कर ग्राहकों की डिमांड को पूरी कर रहे हैं.
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सोंधी खुशबू से सराबोर हुआ है बाजार: बिहार का गया तिलकुट के सोंधी खुशबू से सराबोर है. तिलकुट कूटने की धम धम की आवाज और तिल भूंजने की सोंधी महक गया के तिलकुट की विशेषता को बताती है. नवंबर से फरवरी के बसंत पंचमी महीने तक गया शहर में तिलकुट का व्यापार परवान पर होता है. इस बार तिलकुट का इतना व्यवसाय हुआ है, कि मकर संक्रांति से 1 दिन पहले इसका स्टॉक का अभाव हो गया है, जिसकी पूर्ति के लिए अब अतिरिक्त कारीगर लगाए गए हैं.वहीं ग्राहकों को तिलकुट देने के लिए कारीगरों की संख्या और बढ़ा दी गई है.
"गया का प्रसिद्ध तिलकुट की मांग काफी है. गुड़, चीनी, खोआ और शुगर फ्री तिलकुट मिलता है, लेकिन अभी सिर्फ चीनी वाला ही तिलकुट मिल रहा है. लोगों की भीड़ इतनी है कि एक व्यक्ति को दो किलो से ज्यादा नहीं दिया जा रहा है." -मनीष कुमार गुप्ता, तिलकुट विक्रेता
"तिलकुट के लिए दो-दो घंटे से लाइन में लगे हुए है. घर में लोग परेशान हो गये हैं. दो किलो से ज्यादा नहीं मिल रही है. भीड़ के कारण काफी परेशानी हो रही है."-यीशु कुमार, तिलकुट खरीदार
"तिलकुट व्यवसाय को अब सरकार से उद्योग का दर्जा दिलाने का प्रयास हो रहा है. तिलकुट व्यवसाय से जुड़े लोग भी इस उद्योग को जीआई टैग करवाने की कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल मकर सक्रांति को लेकर गया के रमना रोड में लाइन लगाकर लोग तिलकुट की खरीदारी कर रहे हैं. इसके लिए घंटो लाइन में रह रहे हैं."-लालजी प्रसाद, तिलकुट व्यवसाय संघ के अध्यक्ष
पांच करोड़ का होता है व्यवसाय :इन चार महीनों में तिलकुट का व्यवसाय करीब 5 करोड रुपए का होता है. तिलकुट का निर्माण करने वाले लालजी प्रसाद, दामोदर प्रसाद बताते हैं कि नवंबर से फरवरी तक का महीना गया के जलवायु में तिलकुट निर्माण के लिए उपयुक्त माना जाता है. गया की जलवायु तिलकुट निर्माण के लिए सर्वोत्तम है. यही वजह है कि गया में निर्मित तिलकुट का स्वाद अन्यत्र उपलब्ध नहीं है.