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गया के रबर डैम का नाम बदलकर हुआ 'गया जी' डैम, 8 सितंबर को CM नीतीश करेंगे लोकार्पण

गया में जल संसाधन विभाग ने बिहार के पहले और देश के सबसे बड़े रबर डैम का निर्माण किया है. अब गया के इस रबर डैम को 'गया जी डैम' के नाम से जाना जाएगा, सीएम नीतीश कुमार पितृपक्ष मेला शुरू होने से इसका लोकार्पण करेगें. यहां पढ़ें पूरी खबर...

Gaya Ji Dam
Gaya Ji Dam

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Published : Sep 3, 2022, 1:20 PM IST

गया:गया में जल संसाधन विभाग ने बिहार के पहले और देश के सबसे बड़े रबर डैम का निर्माण किया है. अब गया के रबर डैम को 'गया जी डैम' के नाम से जाना जाएगा. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पितृपक्ष मेला शुरू होने से एक दिन पहले यानी 8 सितंबर को इसका लोकार्पण करेंगे.

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लोकार्पण से पहले मंत्री ने किया निरीक्षण :गया जी डैम (Gaya ji dam) के लोकार्पण की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. गुरुवार को गया पहुंचकर जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी पर बने सबसे बड़े रबर डैम का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि यह रबर डैम अब लोकार्पण के लिए तैयार है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी 8 सितंबर को इसका उद्घाटन कर इसे जनता को समर्पित करेंगे. जल संसाधन मंत्री ने विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर लोकार्पण की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की और जरूरी निर्देश दिए. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसे 'गया जी डैम' नाम दिया गया है.


''विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट मोक्षदायिनी फल्गु नदी में सतही जल का प्रवाह बरसात के कुछ दिनों को छोड़ कर शेष दिनों में काफी कम होता है, जिस कारण देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती थी. इसके समाधान के लिए विष्णुपद मंदिर के पास फल्गु नदी में सालों भर जल उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने बिहार के पहले रबर डैम का निर्माण निर्धारित समय से एक साल पहले ही पूरा करा लिया है."- संजय कुमार झा, जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री

तर्पण में होगी आसानी: गया जी रबड़ डैम आम लोगों के लिए कई सुविधा लेकर आ रहा है. इसके निर्माण से विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में सालों भर जल उपलब्ध रहेगा, जिससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को पिंडदान, स्नान एवं तर्पण में आसानी होगी. ज्ञान एवं मोक्ष की पावन भूमि, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर गया में हर साल लाखों हिंदू, बौद्ध एवं जैन श्रद्धालु आते हैं. इनमें बड़ी संख्या उन श्रद्धालुओं की होती है, जो अपने पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ पिंडदान, स्नान एवं तर्पण के लिए आते हैं.




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