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गया: बिजली कटौती से शहरवासी परेशान, कंपनी की सफाई- सुविधा पहले से बेहतर

स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि गर्मी शुरु होते ही जेनरेटर की मदद से दुकान चलाना पड़ता है. शहर को औसतन 8 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है और इतनी बिजली मिल भी रही है.

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Published : Jul 17, 2019, 6:34 PM IST

अभियंता इंद्रदेव कुमार

गया:जहां एक ओर गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. तो वहीं जिले में बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. रात-रात भर बिजली गायब रहने से लोगों की दिनचर्या बाधित हो रही है. शहर में पोल, तार, मीटर सब लगा है, लेकिन बिजली नही हैं. जिसकी वजह से पिंडदान के लिए आए श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

बिजली आपूर्ति में विफल रही सरकारी कंपनी
लोगों का कहना है कि पहले बिजली व्यवस्था निजी कंपनी के हाथों में थी, तो बिजली मिलती थी. लेकिन वर्तमान में सरकारी कंपनी साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के हाथों में है. इसकी व्यवस्था बिल्कुल ठीक नही है. रात-रात भर बिजली गायब रहती है और बिना सूचना दिए ही कंपनी कभी भी बिजली काट देती है.

परेशानी बताते स्थानीय लोग

जनता की पीड़ा
स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि गर्मी शुरु होते ही जेनरेटर की मदद से दुकान चलाना पड़ता है. शहर को औसतन 80 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है और इतनी बिजली मिल भी रही है. लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से आम आदमी तक नहीं पहुंच पा रहा है. शहर में आए दिन लोगों को बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने पड़ते हैं.

अपना बचाव करती कंपनी
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के विद्युत अधीक्षण अभियंता इंद्रदेव कुमार ने कहा कि बिजली के कटने की वजह फीडर ट्रिप होना है. जिसमें की सुधार किया जा रहा है. इसके साथ ही नंगे तारों को कवर तार में बदला जा रहा है. भारत सरकार के ऊर्जा मित्र एप्प के जरिये लोगों को बिजली कब से कब तक कटेगी और क्यों काटी गई, इसकी जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इंडिया पावर निजी कंपनी शहर को औसतन 60 मेगावाट बिजली देती थी और सरकारी कंपनी औसतन 80 मेगावाट बिजली दे रही है. तब भी लोग आरोप लगा रहे हैं.

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