गया: बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला (Gaya Pitri Paksha Mela) 9 सितंबर से शुरू होने जा रहा है लेकिन पितृपक्ष मेले की शुरुआत के दो दिन पहले एक नया विवाद शुरू हो गया है. इस बार पाल पंडा समाज ने ऑनलाइन ई पिंडदान का विरोध (Gaya Pal Panda Samaj opposed e-pinddan) किया है. साथ ही कहा है कि सरकार सनातन धर्म विरोधी इस तरह की नीतियों को प्रश्रय दे रही है.
ये भी पढ़ें :-पितृपक्ष मेला 2022: 5 लाख एडवांस बुकिंग, 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना
अग्नि संस्कार भी ऑनलाइन किया जा सकता है क्या:इस संबंध में विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल ने बताया कि ऑनलाइन ई-पिंडदान बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने चालू किया है. लेकिन, उनको यह मालूम नहीं है कि पिंडदान स्वयं के हाथ से पितरों को तर्पण किया जाता है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या अग्नि संस्कार भी ऑनलाइन संभव है.
पंडा समाज किसी से नहीं लेता पैकेज : शंभूलाल विट्ठल ने बताया कि श्रद्धा का नाम श्राद्ध है. पंडा समाज किसी से पैकेज नहीं लेता है, लेकिन सरकार ने शुरू किया है. इसके लिए कथित ब्राह्मण सक्रिय हैं. वह पिंडदानियों से आग्रह करते हैं कि इस तरह के पिंडदान का कोई महत्व नहीं है. साथ ही इसे बंद करने की मुख्यमंत्री से मांग रखेंगे.