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गया सांसद बोले- लॉकडाउन का पालन कर रहा हूं, इसलिए कही नहीं जा पा रहा हूं - coronavirus in gaya

कोरोना वायरस के बचाव को लेकर देश भर में जनप्रतिनिधि आगे आकर लोगों की मदद कर रहे हैं. वहीं, गया के सांसद विजय मांझी लॉकडाउन के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों की मदद करने के बजाय घर में बैठे हैं.

गया सांसद
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Published : May 12, 2020, 7:19 PM IST

गया :कोरोना वायरस के बचाव को लेकर देश भर में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन लगने के बाद गरीबों के पास खाने के लाले पड़ गए है, ऐसे में देश भर में जनप्रतिनिधि आगे आकर लोगों की मदद कर रहे है. वहीं, गया के सांसद विजय मांझी लॉकडाउन के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों की मदद करने के बजाय घर में बैठे है. इस पर जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पालन कर रहा हूं.

'जनता भूख से त्राहिमाम कर रही है'
कोरोना वायरस महामारी में सरकार के कामो पर विपक्ष पार्टी अब सवाल उठाने लगी है. गया में विपक्षी दल कांग्रेस मगध क्षेत्र के प्रवक्ता विजय कुमार मिठू ने गया सांसद से सवाल पूछा है कि पूरे लॉकडाउन में जहां जनता भूख से त्राहिमाम कर रही है. वहीं, आप घर में एसी में बैठे है. दूसरा सवाल उन्होंने पूछा कि सिंदुआरी घटना में नवादा के सांसद पीड़ित के घर पहुंच गए, लेकिन गया के सांसद क्यों नहीं पहुंचे.

देखें पूरी रिपोर्ट
विपक्ष के इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने गया के सांसद से खास बातचीत की..

1. लॉकडाउन के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र में गरीबों को कैसे मदद पहुंचा रहे है.

जवाब- जो भी प्रवासी मजदूर आ रहे है, उनकी समस्याओं को नोडल पदाधिकारी और आपदा विभाग को सूचित कर रहे है. साथ ही जन वितरण प्रणाली से अनाज वितरण को सुगम बनाने के लिए प्रयास किये है.

2. विपक्ष का आरोप है कि लॉकडाउन में आप गरीबों को मदद नहीं पहुंचा रहे है, आप घर में ही समिति है, उनका आरोप कितना सच है.

जवाब- हमारी पार्टी के कार्यकर्ता जरूरत की समान बांट रहे है, दिन-रात गरीबों के मदद में लगे हुए है. साथ ही आरएसएस और बीजेपी भी गरीबों के बीच सामग्री वितरण कर रही है. विपक्ष का आरोप गलत है.

3. गया के कोच प्रखण्ड के सिंदुआरी गांव के गोलीकांड में मृतक के सांत्वना देने नवादा के सांसद पहुंच गए और आप गया में रहकर क्यों नहीं गए.

जवाब-मैं गोलीकांड की घटना का निंदा करता हूं. दो लोगों के बीच की लड़ाई है. इसमें नरसंहार और जातीय संघर्ष का जिक्र नहीं करना चाहिए. मेरी तबियत खराब है, जब तबियत ठीक होगी, तो सिंदुआरी जाऊंगा. बहरहाल सांसद इन आरोपों का जवाब अपने भाषा में दे दिए है, लेकिन गया कि जनता इस महामारी में सांसद को खोज रही है.

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