नक्सल प्रभावित गया में मुकाबला दिलचस्प, मांझी बनाम मांझी की लड़ाई - jitan ram manjhi
गया लोकसभा सीट पर महागठबंधन से जीतराम मांझी मैदान में हैं. एनडीए ने जेडीयू के विजय कुमार मांझी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
गया : गया की धरती हमेशा ही राजनीतिक रूप से संदेश प्रवाह करता रहा है. इस बार यहां पर मांझी बनाम मांझी की लड़ाई होगी. एक तरफ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व हम प्रमुख जीतन राम मांझी हैं तो वहीं दूसरी तरफ जदयू से विजय कुमार मांझी मैदान में हैं. वैसे पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा के हरि मांझी अपने प्रतिद्वंदियों को शिकस्त देकर लोकसभा पहुंचे थे. लेकिन इसबार यह सीट जदयू के पास चली गयी है. हालांकि हरि मांझी कहते हैं कि वह अपने अलाइंस के उम्मीदवार को मजबूती प्रदान करेंगे.
आरक्षित है सीट
1967 में सीट आरक्षित होने के बाद पहली बार 1967 में कांग्रेस के रामधनी दास यहां से सांसद बने. लेकिन, पिछले 20 साल से इस सीट पर मांझी का कब्जा है. पहले 1999 में भाजपा के रामजी मांझी, 2004 में राजद के राजेश कुमार मांझी और अब 2009 व 2014 में भाजपा के हरि मांझी यहां से सांसद हैं.
पिछले दो लोकसभा चुनाव के नतीजे
2014 में भाजपा के हरि मांझी को 3,26,230 वोट मिले थे जबकि राजद के रामजी मांझी 2,10,726 और तत्कालीन जदयू नेता जीतन राम मांझी को 1,31,828 वोट मिले थे. 2009 में भाजपा के हरि मांझी को 2,46, 255, राजद के रामजी मांझी को 1,83,802 और कांग्रेस के संजीव प्रसाद टोनी को 54,581 वोट मिले थे.
क्या है सीट का समीकरण
यह इलाका नक्सल प्रभावित है. गया लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. गया लोकसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 13,29,192 है. इनमें से 705,874 पुरुष मतदाता हैं जबकि 6,23,318 महिला वोटर हैं.
महत्वपूर्ण है जातिगत समीकरण
गया लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा यादव जाति के 3 लाख 25 हजार वोटर हैं उसके बाद मांझी 3 लाख 10 हजार, कुशवाहा 2 लाख, मुस्लिम 2 लाख, राजपूत 1 लाख 25 हजार, भूमिहार 1 लाख, पासवान 50 हजार और रविदास करीब 40 हजार हैं. SC के लिए आरक्षित गया लोकसभा सीट पर धर्म के नाम पर गोलबंदी तो नहीं होती लेकिन जाति फैक्टर हार-जीत तय करता है.
कुल 6 विधानसभा सीटें
गया संसदीय सीट के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- शेरघाटी, बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, बेलागंज और वजीरगंज. इनमें से बाराचट्टी और बोधगया दोनों आरक्षित सीटें हैं. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 3 सीटें आरजेडी जबकि 1-1 सीट बीजेपी-जेडीयू और कांग्रेस के खाते में गईं.