गया: गया शहर में स्थित कुष्ठ आश्रम सह अस्पताल को अचानक से अगर कोई देख ले तो डर जाय.. समझना मुश्किल हो जाता है कि ये अस्पताल है या भूत बंगला. इस अस्पताल में ना तो बेड है ना मरीजों के रहने के लिए व्यवस्था ही है. यहां तक की कुष्ठ मरीजों के लिए एक शौचालय तक नहीं है. पूरे अस्पताल के लिए सिर्फ एक डॉक्टर ही है.
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अस्पताल बना भूत बंगला
गौतम बुद्ध कुष्ठ आश्रम गया के छोटकी नवादा के पास 12 एकड़ के कैंपस में बना है. सन 1914 में प्रथम विश्वयुद्ध के समय एडवर्ड द सेवेंथ मेमोरियल के नाम पर लेपर एसाइलम के नाम से इस अस्पताल को बनाया गया था. अंग्रेजों के समय मे इस अस्पताल में 300 के करीब मरीजों के रहने का क्षमता थी. इस अस्पताल में अंग्रेजों के समय सारी सुविधाएं भी थी. लेकिन अब ये भूत बंगला बन चुका है.
बदहाल अस्पताल, बेहाल मरीज
1956 में बिहार सरकार के अधीन आने के बाद इस अस्पताल की दशा बदलने लगी. 1956 से लेकर आज तक ये अस्पताल बदहाली का आलम झेल रहा है.इस अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत है. मगध प्रमंडल का एकमात्र गौतम बुद्ध कुष्ठ आश्रम सह अस्पताल काफी जर्जर है. शाम होते ही यह अस्पताल भूत बंगला में तब्दील हो जाता है. अस्पताल के सारे भवन में लगे खिड़की के लोहे के सरिया तक नहीं है.