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गया: पूर्व मंत्री अनिल कुमार ने नेयामतपुर आश्रम का किया दौरा, बदहाली पर जताई चिंता - अनिल कुमार नेयामतपुर आश्रम

पूर्व मंत्री अनिल कुमार ने नेयामतपुर आश्रम का दौरा किया. उन्होंने कहा कि हर हाल में इस धरोहर को बचाने का प्रयास किया जएगा.

Former minister Anil Kumar
Former minister Anil Kumar

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Published : Jan 28, 2021, 5:28 PM IST

गया:बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह टिकारी विधायक अनिल कुमार बेलागंज के ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम पहुंचे. आश्रम विकास समिति और पंडित यदुनंदन शर्मा किसान विकास मोर्चा के सदस्यों ने अंगवस्त्र देकर उनका स्वागत किया. आश्रम पहुंचने के बाद टिकारी विधायक ने सर्व प्रथम पंडित यदुनंदन शर्मा के आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण और शर्मा जी के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की.

कमला नेहरू पुस्तकालय का जायजा
उसके उपरांत पूर्व मंत्री आश्रम और आश्रम में स्थापित कमला नेहरू पुस्तकालय का जायजा लिया. आश्रम विकास समिति और पंडित यदुनंदन शर्मा किसान विकास मोर्चा के सदस्यों ने उन्हें आश्रम के वर्तमान स्थिति से अवगत कराया.

"जिस स्थान को आज भारतीय पर्यटन के मानचित्र पर होना चाहिए था, उसकी बदहाली चिंताजनक बात है. जिस आश्रम के संस्थापक ने देश और देश के किसानों के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, उनकी कृति भी समाजिक और राजनीतिक स्मरण से उतर गया. नेयामतपुर आश्रम देश का एक अमूल्य धरोहर है, जो स्वतंत्रता आंदोलन और किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र बिंदु रहा है. यह आश्रम महान स्वतंत्रता सेनानी सह किसानों के जान राष्ट्रीय किसान नेता पंडित यदुनंदन शर्मा का कर्मस्थली भी रहा है. इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए सरकार के साथ-साथ सामाजिक और बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों को भी कदम उठाने की जरूरत है"- अनिल कुमार, पूर्व मंत्री

समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते पूर्व मंत्री

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धरोहर को बचाने का प्रयास
पूर्व मंत्री ने उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि हर हाल में इस धरोहर को बचाने का प्रयास किया जएगा. उन्होंने आश्रम और स्व. शर्मा की स्मारक स्थल के जीर्ण शीर्ण अवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके संरक्षण और विकास के लिए प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर मांग करेंगे. स्वामी सहजानन्द सरस्वती के बाद देश के दूसरे बड़े किसान नेता रहे पं. यदुनंदन शर्मा का त्याग और समर्पण का देश सदा ऋणी रहेगा. जिस आश्रम का नाम इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर अंकित है. उस आश्रम की वास्तविक स्थिति चिंताजनक है. सरकार को इस स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा देना चाहिए. इसके लिए भी पहल किया जाएगा.

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