गया:बोधगया स्थित बालिका सुधार गृह (Girls Shelter Home) में लड़की के साथ कथित यौन शोषण मामले में जांच कमिटी का गठन कर दिया गया है. बाल संरक्षण इकाई (Child Protection Unit) के सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने बताया कि राज्यस्तरीय और जिलास्तरीय कमिटी मामले की जांच में जुट गई है.
ये भी पढ़ें: शेल्टर होम में होता है 'गंदा काम', कोर्ट में पीड़िता बोली- नशीला पदार्थ खिलाकर किया जाता है यौन शोषण
दरअसल घर से भगाने के मामले में नवादा सिविल कोर्ट के द्वारा लड़की को बोधगया के बालिका गृह में रखने का आदेश दिया गया था. 13 जुलाई से 10 अगस्त तक बोधगया के बालिका गृह में लड़की रह रही थी. इसी दौरान लड़की को 10 अगस्त को उसके परिजनों के द्वारा नवादा ले जाया गया.
बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक का बयान उसी क्रम में युवती ने नवादा सिविल कोर्ट में एक पत्र देकर अपने साथ हुए यौन शोषण के मामले का खुलासा किया. उसने ये आरोप बालिका गृह की एक मैडम और कुछ कर्मियों पर लगाया है.
युवती का आरोप है कि वहां रहे कर्मचारियों के द्वारा उसके साथ रात में खाने के दौरान कुछ नशीली दवाइयां दी जाती थी. उसके बाद उसके साथ गलत काम किया जाता था. जब युवती इसकी शिकायत बालिका गृह की मैडम से की तो युवती को ही डराया धमकाया जाता था और उसे चुप करा दिया जाता था.
वहीं, इस मामले में जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश कुमार ने बताया कि ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है, क्योंकि वहां पर 5-5 महिला पुलिसकर्मी सहित सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिसकी देखरेख के लिए कई लोग हैं.
ये भी पढ़ें: शेल्टर होम केस: जिला बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी सेवा से बर्खास्त
दिवेश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मामले में जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया है, वहीं राज्य स्तरीय टीम भी इसकी जांच करेगी. सभी कर्मियों से पूछताछ की जाएगी, साथ ही सीसीटीवी फुटेज की भी जांच होगी.
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने कहा कि जांच के बाद 2 से 3 दिनों में रिपोर्ट दे दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वैसे बच्चे जो घर से भाग जाते हैं, उसे बाल संरक्षण कल्याण समिति के द्वारा कोर्ट के आधार पर उसे बालिका सुधार गृह में रखा जाता है. ये वैसी ही लड़की थी. उन्होंने कहा कि बोधगया बालिका सुधार गृह में 50 से 54 ऐसे लोग रहते हैं, जिसकी देखभाल की जाती है.