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फूल की खेती करने वाले किसानों को मंदिर खुलने का इंतजार, कृषि मंत्री बोले- कर रहे हैं समीक्षा

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Published : May 21, 2020, 11:30 AM IST

किसान ने बताया कि विष्णुपद और महाबोधि मंदिर बंद होने से फूलों की खपत नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि इस साल बर्बाद हो रहे फूलों को देखकर वे लोग मुनाफे की जगह बस पूंजी निकलने की सोच रहे हैं.

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गयाः लॉकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने कुछ क्षेत्रों को छूट दी है. वही, मंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों और किसी भी आयोजन को अभी बंद रखने का निर्देश दिया गया है. जिससे फूलों की बिक्री पर काफी असर पड़ा है. ऐसे में फूलों को खेती करने वाले किसान परेशान हैं.

भीषण गर्मी में सूख रहे हैं फूल
दरअसल, लॉकडाउन के चौथे चरण में जिले के विश्वप्रसिद्ध महाबोधी मंदिर और विष्णुपद मंदिर भी बंद हैं. हर दिन श्रद्धालुओं का मंदिर में फूल चढ़ाना भी बंद हो गया है. जिससे फूलों को खेती और इसके व्यापार पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. खेत में तैयार फूल की मांग नहीं होने की वजह से यह भीष्ण गर्मी में सूख रहे हैं. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है.

फूलों की खेती

भरण-पोषण में समस्या
युवा किसान मुकेश ने बताया कि उन्होंने पांच एकड़ में गेंदा के फूल की खेती की थी. विष्णुपद और महाबोधि मंदिर बंद होने से फूलों की खपत नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि इस साल बर्बाद हो रहे फूलों को देखकर वे लोग मुनाफे की जगह बस पूंजी निकलने की सोच रहे हैं. किसान ने बताया कि रोजगार बंद होने से परिवार के भरण पोषण में काफी दिक्कतें आ रही हैं.

किसान मुकेश

की जा रही है समीक्षा- कृषि मंत्री
वहीं, कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बड़े पैमाने पर फूलों की खेती करने वाले किसानों और मालाकारों की काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में विभागीय तौर पर समीक्षा की गई है. उन्होंने बताया कि किसानों और मालाकारों की मदद करने के लिए मैं खुद इस मामले की समीक्षा कर रहा हूं.

देखें रिपोर्ट

सरकार से मदद की आस
बता दें कि लॉकडाउन की मार झेल रहे गया के किसान और मालाकार अब जिले में स्थित विष्णुपद और महाबोधि मंदिर के खुलने की राह देख रहे हैं. जिससे उनका रोजगार पटरी पर आ जाए. साथ ही उन्हें सरकार से भी मदद की उम्मीद है.

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